फरीदाबाद के रहने वाले 81 साल के पंकज बंगा AIIMS सहित कई कैंसर हॉस्पिटल्स में जाकर मरीज़ों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी बेटी प्रियंका बंगा भी उनका साथ दे रही हैं।
ध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 28 वर्षीया डॉ. नूरी परवीन, जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए क्लिनिक चला रही हैं, जहाँ वह मात्र 10 रुपये में मरीज़ों का इलाज करती हैं।
मुंबई के शशांक मोधिया ने साल 2019 में अपने स्टार्टअप 'द रीनल प्रोजेक्ट' की शुरुआत की और इसके तहत वह टियर II और टियर III शहरों में रहने वाले 150 किडनी मरीजों को नियमित रूप से किफायती डायलिसिस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
डॉ. दिव्या सिंह कहती हैं, "संकट के समय अगर मैं अपने देश की मदद नहीं कर सकती हूं तो मेरे डॉक्टर होने का क्या मतलब है।" डॉ दिव्या लोगों की सेवा में दिन-रात लगी हुई हैं। वह पूरा दिन पीपीई किट पहनती हैं इसके लिए उन्होंने अपने बाल तक कटवा लिए हैं।