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मिलिए लाल बिहारी 'मृतक' से, पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'कागज़' के असली नायक

By मानबी कटोच

पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की फिल्म 'कागज़' उत्तर प्रदेश के श्री लाल बिहारी मृतक पर आधारित है, जिन्हें सरकारी कागज़ों में मृतक घोषित कर दिया गया था। अपने आप को ज़िंदा साबित करने के लिए बिहारी ने 18 साल लम्बी लड़ाई लड़ी थी।

घर पर ही सिलाई मशीन से इस तरह बनाएं फेस मास्क!

By निशा डागर

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक मैन्युअल के मुताबिक अगर 80 फीसदी लोग बाहर निकलते समय फेस-मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो महामारी के प्रकोप को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है!

नया गैस कनेक्शन लेना है? ऐसे करें अप्लाई!

By निशा डागर

क्या आपको पता है कि प्राइवेट और सरकारी गैस एजेंसियों के सिलिंडरों का साइज़ अलग-अलग होता है और इसलिए आप अदला-बदली नहीं कर सकते हैं? जानिए इस तरह की और भी बातें।

पासपोर्ट खो जाने पर अब झट से बनवा सकते हैं नया पासपोर्ट, जानिए कैसे!

By निशा डागर

अगर कभी हमारा कोई ज़रूरी डॉक्यूमेंट खो जाए तो हम बहुत घबरा जाते हैं। समझ नहीं आता कि अब क्या करें? लेकिन घबराने की बजाय आप जरा सी समझदारी से स्थिति को सम्भाल सकते हैं!

कैसे छत्तीसगढ़ का यह एक जिला बना रहा है 28 हज़ार महिलाओं और बच्चों को कुपोषण-मुक्त!

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे लेकिन स्थिरता से कुपोषण के मुद्दे को हल कर रहा है और झारखंड, राजस्थान, असम और ओडिशा जैसे अन्य राज्य, बेशक इससे सीख लेकर अपने यहाँ भी इस तरह की योजनायें और कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।

कार को मोबाइल क्लिनिक बना, अब तक 36,000+ ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने वाला डॉक्टर!

By निशा डागर

Bengaluru के रहने वाले डॉ. सुनील कुमार हेब्बी का उद्देश्य ज़रुरतमंदों तक सही स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना है और इसके लिए वे अब तक 700 से ज़्यादा मेडिकल कैंप कर चुके हैं। इसके साथ ही वे 'राईट टू हेल्थ' मुहीम चला रहे हैं ताकि देश में नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार भी मिले।

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सेतु बनकर, 20, 000+ लोगों तक पहुंचाई सरकारी योजनायें!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के जगापुर गाँव में पली-बढ़ी रमा सिंह दुर्गवंशी फिलह मुंबई में एक कंपनी में बतौर डायरेक्टर कार्यरत हैं। लेकिन फिर भी वे अपने पति के सहयोग से Arise N Awake संस्था के ज़रिए गांवों के विकास का कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से 20 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को लाभ मिला है।