महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में एक माली परिवार में हुआ था। उन्होंने देश में दलितों और महिलाओं को सामाजिक न्याय देने के लिए संघर्ष की शुरुआत की। यही कारण है कि संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर उन्हें अपना तीसरा गुरू मानते थे। पढ़ें यह प्रेरक कहानी!
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां भले ही इसलिए मशहूर हैं, क्योंकि वह अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ी थीं, लेकिन इस वीरांगना ने उससे पहले भी कई ऐसी लड़ाईयां लड़ी थीं, जिनका ज़िक्र उनकी शौर्य गाथाओं में शामिल नहीं है।
चितरंजन दास ने एक वकील, राजनीतिज्ञ और पत्रकार के तौर पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त कराने में जो भूमिका निभाई, उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है। यही कारण है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।
भारतीय समाज में खादी का इस्तेमाल सभ्यता के आरंभ से ही रहा है। इसने आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही कारण है कि खादी केवल कोई कपड़ा नहीं, बल्कि एक विचार है।
अबला बोस, रेडियो साइंस के पितामह जगदीश चंद्र बोस की जीवन संगिनी थीं। उन्होंने देश की महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों से मुक्त कर, एक सम्मानित जीवन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह कहानी है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली वीरांगना, मातंगिनी हाजरा की, जिन्हें गाँधी बूढ़ी या ओल्ड लेडी गाँधी के नाम से भी जाना जाता है।