मथुरा के रहने वाले तुंगनाथ चतुर्वेदी ने सिर्फ़ 20 रुपए के लिए 22 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें 20 रुपए वापस लेने थे, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार को हराकर इंसाफ़ चाहिए था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले वे पांच भारतीय अधिकारी, जो न तो किसी दबाव के आगे झुके और न ही धमकियों से डरे। आए दिन होने वाले तबादले भी उन्हें ईमानदारी और कर्त्वयनिष्ठा की राह पर चलने से रोक नहीं पाए।