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अंग्रेजों को मात देने के लिए इस सेनानी ने काट दिया था अपना ही हाथ!

By निशा डागर

हाथ काटने के बाद भी 80 वर्षीय वीर कुंवर का संग्राम नहीं रुका। उन्हें आराम करने की हिदायत मिली लेकिन फिर भी उन्होंने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध किया!

एक महिला सेनानी का विरोध-प्रदर्शन बन गया था ब्रिटिश सरकार का सिरदर्द!

By निशा डागर

अंग्रेजों द्वारा शराब की दुकान खोलने और अफीम उगाने के विरोध में बसंतलता और उनकी महिला साथियों ने मोर्चा खोला था। ये 'स्वदेशी आंदोलन' इस कदर बढ़ा कि अंग्रेजों को इसे रोकने के लिए सर्कुलर निकालना पड़ा!

मंगल पांडेय से 33 साल पहले इस सेनानी ने शुरू की थी अज़ादी की जंग!

By निशा डागर

बिंदी तिवारी की शहादत के बाद अंग्रेजी हुकूमत की न सिर्फ भारत में बल्कि इंग्लैंड में भी निंदा हुई, और तो और बहुत से भारतीय अफसरों और सैनिकों ने ब्रिटिश सेना छोड़ दी!

ताउम्र देश के लिए समर्पित रही यह महिला, फिर भी नहीं है इतिहास की किताबों में नाम!

By निशा डागर

नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार किए गए लोग जब जेल से बाहर निकले तो बिल्कुल बेसहारा हो गए थे। न खाने को खाना, न रहने को छत, ऐसे में, उमाबाई ने इन सेनानियों को अपने घर में आश्रय दिया!

आज़ाद हिन्द फ़ौज के कमांडर का अनसुना किस्सा, शाहरुख खान से भी जुड़े हैं तार!

By निशा डागर

ब्रिटिश सेना को छोड़कर आज़ाद हिन्द फ़ौज में भर्ती हुए थे शाह नवाज़ खान, फिर भी बना दिए गए - 'एक देशद्रोही'!

सरफ़रोशी की तमन्ना: स्वतंत्रता सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल की अनकही कहानी!

19 दिसम्बर, 1927 को फांसी पर चढ़ने से पहले बिस्मिल ने आखिरी पत्र अपनी माँ को लिखा था!

'जन गण मन': राष्ट्रगान को गीत की धुन में पिरोने वाले गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी!

By निशा डागर

हम जब भी राष्ट्रगान की धुन पर सावधान में खड़े होते हैं, तो हमें इसे लिखने वाले महाकवि रबीन्द्रनाथ टैगोर की ही याद आती है। पर क्या आप जानते हैं कि यह धुन किसने बनायी थी?

मदन मोहन मालवीय: वह स्वतंत्रता सेनानी जो अकेले 172 क्रांतिकारियों को बचा लाया था।

By निशा डागर

मालवीय फिर से भारत की भूमि पर जन्म लेकर अपने जीवन को गरीबों और ज़रुरतमंदों के लिए समर्पित करना चाहते थे।

दिव्यांग होने के बावजूद इस फ़ौजी ने बनाया विश्व रिकार्ड, संवार रहे हैं सैकड़ों ग़रीब बच्चों का जीवन!

“एक सैनिक हमेशा एक सैनिक ही रहता है। वर्दी में वह अपने लोगों की हिफाजत के लिए लड़ता है। मैं अब सामाजिक सैनिक हूँ इसलिए गरीबी, भूखमरी और बच्चों की बेहतर शिक्षा की लड़ाई लड़ रहा हूँ।”