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मीराबेन: वह ब्रिटिश महिला, जिन्हें गांधी जी का साथ देने के लिए कई बार जाना पड़ा था जेल

ब्रिटिश महिला ‘मेडेलीन स्लेड’ की ‘मीराबेन’ बनने की अनकही कहानी, जानिए यहां!

लाला लाजपत रायः जिनकी सोच से मिला देश को पहला बैंक व आजादी की लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय पहचान

पंजाब केसरी लाला लाजपत राय ने भारत का पहला स्वदेशी बैंक शुरू कर, देश को आर्थिक मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभाई।

रानी गाइदिन्ल्यू: 17 साल की उम्र में हुई थी जेल, आज़ादी के बाद ही मिली रिहाई

By निशा डागर

रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।

लेडी बोस: जानिए उस हस्ती के बारे में, जिनके प्रयासों से मिला महिलाओं को वोट का अधिकार!

अबला बोस, रेडियो साइंस के पितामह जगदीश चंद्र बोस की जीवन संगिनी थीं। उन्होंने देश की महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों से मुक्त कर, एक सम्मानित जीवन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शहीद के साथी: महात्मा गाँधी की सच्ची साथी, 'गाँधी बूढ़ी' को नमन!

By द बेटर इंडिया

यह कहानी है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली वीरांगना, मातंगिनी हाजरा की, जिन्हें गाँधी बूढ़ी या ओल्ड लेडी गाँधी के नाम से भी जाना जाता है।

शहीद के साथी: सुशीला दीदी, राम प्रसाद बिस्मिल की सच्ची साथी!

By द बेटर इंडिया

काकोरी कांड के फैसले में 4 क्रांतिकारियों को फांसी हुई और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन सुशीला दीदी के कदम नहीं रुके।

शहीद का साथी: कर्नल निज़ामुद्दीन, सुभाष चंद्र बोस के इस सच्चे साथी की अनसुनी कहानी

By Shashi Shekhar

कर्नल निज़ामुद्दीन ने 1943 में सुभाष चंद्र बोस की रक्षा करते हुए 3 गोलियाँ खाई थीं।

शहीद के साथी: दुर्गा भाभी, भगत सिंह की इस सच्ची साथी की अनसुनी कहानी

By Shashi Shekhar

यह दुर्गा भाभी ही थीं जिन्होंने अपने पति के बम कारखाने पर छापा पड़ने के बाद, क्रांतिकारियों के लिए 'पोस्ट-बॉक्स' का काम किया।

कनाई लाल दत्त: खुदीराम बोस के बाद देश के लिए फांसी पर चढ़ने वाला आज़ादी का दूसरा सिपाही!

By निशा डागर

कनाई की फांसी के बाद जेल के वार्डन ने उनके प्रोफेसर से कहा था कि यदि कनाई जैसे 100 वीर भी आपके पास हों तो आपको आज़ादी पाने से कोई नहीं रोक सकता!

दुर्गा भाभी की सहेली और भगत सिंह की क्रांतिकारी 'दीदी', सुशीला की अनसुनी कहानी!

By निशा डागर

अंग्रेजी सेना में नौकरी करने वाले सुशीला दीदी के पिता ने उन्हें रोकना चाहा था लेकिन उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि घर छूटे तो छूटे लेकिन देश को आज़ादी दिलाए बिना उनके कदम नहीं रुकेंगे!