स्लम सॉकर ने पहले 'झोपड़पट्टी' फुटबॉल से स्लम में पले-बढ़े बच्चों को पहचान दिलाई और अब फुटबॉल के ज़रिए ही वे मुक-बधिर बच्चों को एक नयी पहचान दे रहे हैं!
जिन सामाजिक बुराइयों के साथ जीने की लोगों ने आदत डाल ली हो, ऐसे मुद्दों पर लोगों को झकझोर कर जगाने, जागरूक करने और समाज सुधार की लड़ाई के इस नए लड़ाकों का स्वागत किया जाना चाहिए।