केरल के कन्नूर जिले में पयंगडी के पास थावम के रहनेवाले राजन, पेशे से एक मछुआरे हैं। लेकिन पिछले 40 सालों से मैंग्रोव को उगाने, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करके, उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इस वजह से उनका नाम मैंग्रोव राजन पड़ गया है।
तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में रहने वाले एम शक्तिवेल के कस्बे में पहले बिजली की कोई सुविधा नहीं थी। उनके प्रयासों से कस्बे में 15 सोलर पैनल लगे और लोगों की जिंदगी से अंधेरा हमेशा के लिए दूर हो गया। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!