रतलाम के दो भाइयों ने शुरू की थी मध्यप्रदेश की पहली हाइड्रोपोनिक नर्सरी, जिससे आज वह लाखों रुपयों का टर्नओवर कमा रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह नर्सरी उन्होंने जुगाड़ से बनाई थी।
केमिकल इंजीनियर अक्षय श्रीवास्तव ने चार साल के रिसर्च के बाद एक ऐसी खाद बनाई है जिसमें नौ पोषक तत्व हैं। ये खाद खेती का खर्च आधा कर देती है। पढ़ें कैसे?
इलेक्ट्रॉनिक कार और स्कूटर के बाद जामनगर के एक किसान महेश भुत ने ई-ट्रैक्टर ‘व्योम’ बनाया है, जिसकी मदद से उनका खेती का खर्च 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। इस ट्रैक्टर को देशभर से ऑर्डर्स मिल रहे हैं ।