केरल के एर्नाकुलम में रहने वाले विनय कुमार बालाकृष्णन ने सीएसआईआर- नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं के चोकर से बायोडिग्रेडेबल सिंगल यूज क्रॉकरी बनाई है।
केरल में एर्नाकुलम जिले के एक गाँव की रहने वाली 46 वर्षीया सुलफत मोइद्दीन अपने घर की छत पर अलग-अलग तरीकों से जैविक खेती कर रही हैं और इस उपज से वह प्रतिमाह 20 हजार रुपए तक की कमाई कर लेती हैं।
केरल के रहने वाले दो MBA ग्रैजुएट्स, हाफिज रहमान और अक्षय रवीन्द्रन ने मिलकर अचार बनाने का व्यवसाय Athey Nallatha लॉन्च किया है, जिसके जरिए वे माँ के हाथ से बने अचार को ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं और 34 गृहणियों को रोजगार दे रहे हैं।