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सिक्किम: 20 ट्रक कचरा निकालकर, पीने योग्य बना दिया झील का पानी, एक युवक की प्रेरक कहानी

By पूजा दास

यह प्रेरक कहानी सिक्किम के एक युवक, संगे लामा की है, जिन्होंने लोगों की मदद से त्सोमगो झील (tsomgo lake sikkim) को कचरा मुक्त कर दिया है।

बच्चों की पहल, घर घर प्लास्टिक इकट्ठा कर, बना दिए पब्लिक बेंच

By निशा डागर

फरीदाबाद में ऑटो पिन स्लम में रहने वाले 20-25 बच्चों ने पहले साथ में मिलकर प्लास्टिक की खाली-बेकार पड़ी बोतलों और अन्य कचरे से 300 से भी ज्यादा 'इको ब्रिक' बनाई हैं और इन इको ब्रिक का इस्तेमाल उन्होंने अपने स्लम में 'इको बेंच' बनाने के लिए किया है।

E-Waste to Eco-Art: बेकार पड़े गैजेट्स से बना दी पेंटिंग, ज्वेलरी, घड़ी जैसी चीजें

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।

जानिये कैसे इस ग्रीन वॉरियर ने कचरे से भरी झील को किया साफ, लगाए 8000+ पेड़-पौधे

By निशा डागर

मुंबई में रहने वाले धर्मेंद्र कर, एक पर्यावरण संरक्षक हैं। उन्होंने ओडिशा और मुंबई में, अब तक 8000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगवाए हैं और मुंबई की खारघर झील को साफ करके संरक्षित किया है। इसके लिए, उन्हें 'वाटर हीरो 2020' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

77 वर्षीया दादी ने घर में लगवाई बायोगैस यूनिट, LPG Cylinder पर खर्च हुआ आधा

By प्रीति महावर

पुणे निवासी, विमल दिघे का परिवार पिछले 16 वर्षों से खाना पकाने के लिए बायोगैस का उपयोग कर रहा है, जिससे उनके LPG Cylinder पर होने वाला खर्च आधा हो गया है।

इस गृहिणी का उद्देश्य है ‘जो प्लास्टिक घर आए, वह कुछ बनकर बाहर जाए’!

By निशा डागर

66 वर्षीया रीटा, प्लास्टिक की थैलियों से खूबसूरत बैग, चटाई और बास्केट जैसी चीजें बना रही हैं। इन सभी उत्पादों को वह अपनी सोसाइटी में काम करने वाले स्टाफ को बाँट देती हैं!