फसलों की उचित कीमत न मिलने से जहां आज के युवा किसान खेती से तौबा कर रहे हैं, वहीं देवरिया जिले के तरकुलवा निवासी रामानुज तिवारी इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी तलाश छोड़कर पारंपरिक खेती से हटकर वैज्ञानिक विधि से पपीते की खेती कर पूर्वांचल में सफलता की एक नई मिसाल बन गए।
उत्तर प्रदेश के अब्दुल करीम को बचपन से ही पारंपरिक पढ़ाई पसंद नहीं थी। अब, उन्होंने ऐसे डिवाइस बनाए हैं, जिनसे गाँववालों की ज़िंदगी बहुत आसान हो गई है।