जब आज की पीढ़ी 50 साल की उम्र तक रिटायर होने की योजना बना रही है, तो 105 वर्षीय पप्पम्मल की कहानी सिर्फ एक उदाहरण नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है, क्योंकि आज भी, हर दिन वह अपने खेती कार्यों को करती हैं।
"लोग ज़्यादा से ज़्यादा सिंगल यूज़ मास्क का उपयोग कर रहे हैं। एक बार इस्तेमाल होने के बाद ये मास्क कूड़े के ढ़ेर में शामिल हो जाते हैं। तो मैंने सोचा क्यों न मैं इस वेस्ट से भी ईंटें बनाने का काम शुरू करूं?"
लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!
जिला अधिकारी प्रीति नायक ने एक ओर, सेंट्रल जेल के कैदियों और महिला स्वयं- सहायता समूह से मास्क बनवाएं हैं। वहीं दूसरी ओर, उन्होंने एक स्थानीय डिस्टिलरी से CSR के तहत मुफ्त में सैनीटाइज़र बनवाया है!
"ज्यादातर लोगों के लिए, अहम सवाल यह है कि अगर वे बाहर नहीं निकलते हैं, तो खाने के लिए राशन और महत्वपूर्ण दवा कहां से आएगी? हम उनकी ये समस्या दूर करना चाहते हैं।" - शिशिर जोशी