“भारत में पढ़ाई के दौरान व्यावहारिक कौशल की अपेक्षा नंबर पर ज्यादा जोर दिया जाता है। लेकिन ये ऐसे व्यावहारिक कौशल हैं जो बाद में बच्चों को न केवल नौकरी पाने में बल्कि इनोवेटर बनने में भी मदद करते हैं। ” – शोएब डार
लद्दाख के सुमदा चेंमो गाँव में जब पारस लूम्बा और उनकी टीम ने बिजली लगाई तो जलते हुए बल्ब को देखकर एक बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा घर रात में भी रौशन हो सकता है।"