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एक आंख से देख नहीं सकतीं यह YouTube स्टार, इनके व्यंजन के लाखों में हैं फैन्स

By पूजा दास

बोड्डू नागा लक्ष्मी एक YouTuber हैं, जो ठीक से देख नहीं सकतीं। लेकिन ‘कविता नागा व्लॉग्स’ नाम से एक YouTube चैनल चलाती हैं, जहां वह आंध्रा के कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाना सिखाती हैं। आज उनके चैनल के करीब 2.5 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।

किसान की तकनीक ने सहेजी GI Tagged Etikoppaka Toys बनाने की कला, बचाया 160 परिवारों का रोजगार

By निशा डागर

सीवी राजू ने कई प्रयोग करके पेड़-पौधों से मिलने वाले प्राकृतिक रंग को सहेजने की तकनीक बनाई, ताकि लकड़ी के खिलौने बनाने की GI Tagged Etikoppaka Toys की सैकड़ों सालों पुरानी कला को सहेजा जा सके।

जानवरों के लिए खर्च करते हैं आधी से ज्यादा कमाई, जंगलों में भी जाकर खिलाते हैं खाना

By निशा डागर

आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में रहनेवाले बाशा मोहीउद्दीन, पिछले 10 सालों से बेजुबानों के लिए खाने और पानी का इंतजाम कर रहे हैं।

गृहिणी ने सरकारी अस्पताल में उगाई सब्ज़ियां, ताकि मरीज़ों को मिले पोषक भोजन

By निशा डागर

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।

24 घंटे मरीज़ों के लिए खुला रहता है यह क्लिनिक, डॉक्टर की फीस मात्र 10 रुपये

By निशा डागर

ध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 28 वर्षीया डॉ. नूरी परवीन, जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए क्लिनिक चला रही हैं, जहाँ वह मात्र 10 रुपये में मरीज़ों का इलाज करती हैं।

नेकी की मिसाल: गरीब छात्रों की शिक्षा के लिए, यह बस कंडक्टर देता है हजारों का योगदान

By निशा डागर

आंध्र प्रदेश के कदिरी में, आरटीसी बस डिपो के एक बस कंडक्टर थोटा श्रीधर, हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘जिला परिषद हाई स्कूल’ में गरीब छात्रों की मदद के लिए, 20 से 25 हजार रुपये का आर्थिक योगदान करते हैं।

ड्रैगन फ्रूट से वाइन और केक बना रहा है यह किसान, लाखों में होती है कमाई

आंध्र प्रदेश-ओडिशा सीमा अवैध गांजे की खेती के लिए बदनाम है। लेकिन, मूल रूप से एक एडवेंचर स्पोर्ट्स टीचर जस्टिन स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, पैशनफ्रूट और ब्लैकबेरी जैसे फलों की खेती और उससे केक, वाइन जैसे कई उत्पादों को बनाकर यहाँ विकास की एक नई इबादत गढ़ रहे हैं।

टिकट कलेक्टर से जिला कलेक्टर बनने तक का सफ़र!

By निशा डागर

IAS गंधम के माता-पिता खेतों में दिहाड़ी-मजदूरी करते थे। उनसे पहले उनकी पिछली पीढ़ी ने कभी स्कूल का मुँह भी नहीं देखा था!

1 रुपये में इडली, 2.50 रुपये में दोसा खिला रही हैं ये दो दादियाँ!

By निशा डागर

"यह ग्रामीण इलाका है और यहाँ पर बहुत से ज़रूरतमंद लोग है। मैं बस उन्हें कम से कम कीमत पर खाना खिलाना चाहती हूँ।"