कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में बनारस की पूर्णिमा पांडेय ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया है। इससे पहले जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुष वर्ग की वेटलिफ्टिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड जीता था।
वाराणसी की शिखा शाह, पुरानी-बेकार चीजों से नयी और खूबसूरत चीजें बनाकर scrap business, Scrapshala चला रही हैं,, जिससे उनकी हर साल, 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
भारतीय रेलवे ने उत्तर-प्रदेश में बनारस और राय बरेली के सभी रेलवे स्टेशननों पर खाने-पीने की वस्तुओं के लिए प्लास्टिक या पेपर कप की जगह टेराकोटा या पक्की मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और प्लेट इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इसका उद्देश्य स्थानीय कुम्हारों के लिए बड़ा बाज़ार उपलब्ध कराना है।
उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।
इंग्लैंड के जॉर्ज सिडनी अरुंडेल ने अपना सबकुछ भारत और भारतवासियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।अरुंडेल का जन्म 1 दिसंबर, 1878 को इंग्लैंड में हुआ था। पर उनकी कर्मभूमि भारत थी। वे एनी बेसेंट के सहयोगियों में से एक थे। उन्होंने एक भारतीय रुक्मिणी शास्त्री से शादी की।
'ठुमरी की रानी' कही जाने वाली गिरिजा देवी का जन्म 8 मई, 1929 को कला और संस्कृति की प्राचीन नगरी वाराणसी (तत्कालीन बनारस) में हुआ था। ठुमरी गायन को संवारकर उसे लोकप्रिय बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। वे बनारस घराने की गायिका थीं। 24 अक्टूबर 2017 को उन्होंने दुनिया से विदा ली।
केरल में कुछ एम्बुलेंस चालकों ने मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने मलप्पुरम में काम करने वाले एक प्रवासी मजदुर की मौत के बाद उसके शरीर को उसके परिवार के पास वाराणसी पहुँचाने की ज़िम्मेदारी उठाई है। 25 सितम्बर को एक सड़क दुर्घटना में 20 वर्षीय सिकन्दर की मौत हो गयी थी।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की निवासी पुष्पावती पटेल ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। अपनी माँ की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने ऐसा किया। उनके भाई व भाभियों ने भी उनका साथ दिया। साथ ही उन्होंने अपनी माँ का नेत्रदान भी किया।