छत्तीसगढ़ के बस्तर के रहनेवाले दीना नाथ राजपूत, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लेकिन, 2018 से ‘भूमगादी महिला कृषक’ NGO के ज़रिए, वह 6000 से अधिक महिला किसानों की जिंदगी बदल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के हेमी गांव के रहने वाले दीपक के एक रिश्तेदार, शराब पीकर अपनी पत्नी को मारा-पीटा करते थे। लेकिन दीपक के एक प्रयास ने उनके घर की तस्वीर बदल दी।
भारत में महिलाओं की स्थिति काफी सोचनीय है। उन्हें अपने घर से लेकर पूरे समाज में कई तरह की हिंसा और भेदभाव से गुजरना पड़ता है। लेकिन ‘ब्रेकथ्रू इंडिया संस्था’ ने अपने प्रयासों से समाज में एक नई उम्मीद कायम की है। जानिए कैसे!
प्रतिष्ठित बाथवेयर कंपनी हिंदवेयर होम्स ने अपने सीएसआर प्रोग्राम के तहत “Build a Toilet, Build her Future” पहल को लॉन्च कर, पूरे भारत के लाखों स्कूली लड़कियों को एक नई उम्मीद देने का संकल्प किया है।
एक कलाकार हमेशा समय से आगे की सोचता है। जब काम करने के लिए बहुत कम महिलाएं घरों से बाहर निकलती थीं, खासकर छोटे शहरों में। तब उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले मऊ के रहने वाले मुमताज़ खान ने कई लड़कियों और महिलाओं को हुनरमंद बनाने और रोज़गार से जोड़ने का बीड़ा उठाया।
ओडिशा में बारगढ़ जिले के गोड़भगा में रहने वाली जयंती प्रधान एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। जानिए कैसे, दूसरे किसानों के खेत से मिली बेकार पराली से उन्होंने अपने मशरूम की खेती को आगे बढ़ाया।
कुन्नूर में रहने वाली 68 वर्षीया तारा जयप्रकाश पिछले कई सालों से बुनाई और क्रोशिया का काम कर रही हैं। तारा कुशन कवर, शॉल, बेबी सेट, टिश्यू बॉक्स व बेडशीट जैसी चीजें बनाकर शहर में आयोजित होने वाले मेलों में या सीधा ग्राहकों को बेचती हैं।
उत्तराखंड में भद्रीगाड रेंज में तैनात वन रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने ग्रामीण महिलाओं की ट्रेनिंग और उनके बनाये उत्पादों की मार्केटिंग के लिए 'धात्री' पहल की शुरुआत की। जिसकी मदद से ये महिलाएं, आज एक लाख रुपये तक कमा पा रही हैं।