महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में एक माली परिवार में हुआ था। उन्होंने देश में दलितों और महिलाओं को सामाजिक न्याय देने के लिए संघर्ष की शुरुआत की। यही कारण है कि संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर उन्हें अपना तीसरा गुरू मानते थे। पढ़ें यह प्रेरक कहानी!
रमाबाई भीमराव आम्बेडकर बाबा साहेब की पत्नी थीं। आज भी लोग उन्हें 'मातोश्री' रमाबाई के नाम से जानते हैं। उन्होंने ताउम्र बाबा साहेब का साथ दिया। बाबा साहेब ने भी अपने जीवन में रमाबाई के योगदान को बहुत महत्वपूर्ण माना है।
महाराष्ट्र के स्वागत थोराट, फरवरी 2008 से भारत का पहला ब्रेल अख़बार 'स्पर्शज्ञान' चला रहे हैं। मराठी भाषा में प्रकाशित हों वाला 50 पन्नों का यह अख़बार, हर महीने की 1 तारीख़ और 15 तारीख़ को प्रकाशित होता है। स्वागत थोराट पेशे से स्वतंत्र पत्रकार और थियेटर निर्देशक रहे हैं।
साल 2018 में, संविधान दिवस के मौके पर भारत सरकार ने नेत्रहीन नागरिकों के लिए 'भारतीय संविधान' को ब्रेल लिपि में उपलब्ध करवाया गया है। 'ब्रेल लिपि' का अविष्कार साल 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। 4 जनवरी 1809 को जन्में लुई ने बचपन में एक दुर्घटना में अपनी आँखों की रोशनी खो दी थी।
भारत में हर साल 14 सितम्बर को 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को एक मत से यह निर्णय लिया कि ‘हिन्दी’ भारत की राजभाषा होगी। हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये सन् 1953 से संपूर्ण भारतवर्ष में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले 16 वर्षीय ऋतिक, भारतीय संविधान के शिक्षा के अधिकार, 2009 के अंतर्गत कृत्रिम हाथ प्राप्त करने वाले पहले छात्र बने हैं। पेंटिंग करना उनका जूनून रहा है। इससे पहले वे पैर में ब्रश पकड़कर पेंट करते थे। लेकिन अभी सरकार की मदद से उन्हें कृत्रिम हाथ हासिल हुआ है।