बिहार में खगड़िया जिले के परबत्ता गाँव से ताल्लुक रखने वाले संजीव कुमार ने हमेशा से दिल्ली में पढ़े-लिखे और मॉडलिंग में करियर बनाया। लेकिन अपने गाँव में डोम समुदाय की दयनीय स्थिति ने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। पिछले 14 सालों से वे बिहार में छुआछुत जैसी सामाजिक कुरूति के खिलाफ़ लड़ रहे हैं।