23 वर्षीय अमर लाल कभी भी वकील बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाते यदि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी नहीं होते। आज अमर लाल नोयडा में कानून की पढाई कर रहे हैं। बाल मजदूरी के शिकार, अमर को पांच साल की उम्र में सत्यार्थी के बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के जरिये बचाया गया था।
उत्तर-प्रदेश के नोयडा जिले में सेक्टर-76 की आम्रपाली प्रिंसले सोसाइटी में रहने वाले बड़े-बुजुर्ग यानी कि सीनियर सिटिज़न का एक समूह रोज सुबह सोसायटी के बाहर पोस्टर लेकर खड़ा हो जाता है। इन पोस्टर पर यातायात सम्बंधित नियम व कानून लिखे होते हैं।
उत्तर-प्रदेश के नोएडा के रमेश रावत ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर अपना पूरा ध्यान अपनी बेटियों के स्पोर्ट्स पर लगा रखा है ताकि एक दिन वे देश के लिए नेशनल खेलकर गोल्ड मेडल लायें। गीता फोगाट, बबीता फोगाट पर बनी फिल्म 'दंगल' से प्रभावित रमेश रावत कस्टम विभाग में नौकरी करते थे।
उत्तर प्रदेश के नॉएडा जिले में अनूप खन्ना 'दादी की रसोई' के माध्यम से जरूरतमंदों को केवल 5 रूपये में गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने 'सद्भावना स्टोर' और 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र' की भी शुरुआत की है।