32 वर्षीय देव कुमार वर्मा का जन्म झारखंड के धनबाद जिले के कतरास गाँव में हुआ। उनके पिता कोयला मज़दूर थे, लेकिन उन्होंने पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी हासिल की। आज देव और उनकी पत्नी, अपने गाँव एक कोयला मज़दूरों के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देकर उनका जीवन संवार रहे हैं!
डॉ. चंद्राणी प्रसाद वर्मा साल 1999 में अपनी इच्छाशक्ति के दम पर देश की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनीं थीं। आज वे सीएसआईआर- केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान [सीएसआईआर-सीआईएमएफआर] में सीनियर वैज्ञानिक हैं।