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ज्ञानरंजन

'नपनी' : लड़की को वस्तु समझने वालों की सोच पर ज़ोर का तमाचा है 'दूधनाथ सिंह' की यह कहानी!

By निशा डागर

दूधनाथ सिंह का जन्म 17 अक्टूबर 1936 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के सोबंथा गाँव में हुआ। हिंदी साहित्य के प्रसिद्द लेखक, कवि, आलोचक और संपादक रहे दूधनाथ सिंह को साठोत्तरी कहानी आंदोलन का सूत्रपात माना जाता है। साल 2018 में 11 जनवरी को 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

साहित्य के पन्नो से - ज्ञानरंजन की कहानी 'पिता'!

By मानबी कटोच

ज्ञानरंजन की अधिसंख्य कहानियों में स्पष्ट दिखने वाली वैयक्तिकता रचनात्मकता के ही रास्ते जिस सफलता से सामाजिक हो जाती है, वह उनकी निजी और खास विशेषता है। आज पढ़ते हैं, उनकी इन्हीं कहानियों में से एक - पिता!