असम की जेबीन के जन्म से ही हाथ नहीं हैं पर फिर भी पैरों से एग्जाम लिखकर उन्होंने 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में 1st डिवीजन हासिल की हैं। मुजारहर की जेबीन के पिता एक ऑटो-ड्राइवर है।
वह १६ वर्ष का था जब असम में बाढ़ ने तबाही मचाई थी| पयंग ने देखा कि जंगल और नदी किनारों के इलाकों में आने वाले प्रवासी पक्षियों कि गिनती धीरे धीरे कम हो रही है, घर के आसपास दिखने वाले सांप भी गायब हो रहे हैं| इस कारण वह बेचैन हो उठा|