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भारत का 'सफेद शहर' उदयपुर अपनी समृद्ध संस्कृति और खूबसूरती के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। अगर आप दिल्ली से उदयपुर के लिए निकलते हैं तो रास्ते में आपको पहाड़, घाटियां, रेगिस्तान रंग-बिरंगे गाँवों के मनमोहक दृश्य देखने को मिलेंगे, प्यार हो जाएगा।
साल 1994 में दिल्ली के रहने वाले मेजर दुर्गा दास और उनकी पत्नी ज्योति जसोल भी उदयपुर के लिए ऐसी एक रोड ट्रिप पर निकले थे और फिर यहीं के होकर रह गए।
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ज्योति बताती हैं कि वे अपना एक घर बनाना चाहते थे और इसे उन्होंने उदयपुर में बनाने का फैसला किया और यहाँ ढाई एकड़ की एक ज़मीन खरीदी।
आर्मी छोड़ शुरू किया होमस्टे
हमेशा से देश और पर्यावरण, दोनों की सेवा की चाह रखने वाले मेजर दुर्गा दास ने 13 सालों की सर्विस के बाद आर्मी छोड़ इस ज़मीन पर अपने सपनों का आशियाना बनाना शुरू किया। इसे उन्होंने 'देवरा' नाम दिया।
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ज्योति ने भी दिल्ली में अपनी अच्छी-खासी मैनेजर की नौकरी छोड़कर यहीं बस जाने का फैसला किया। उन्होंने सबसे पहले
इस ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए काम करना शुरू किया।
सालों की मेहनत और जीवन के कई उतार-चढ़ाव के बीच आखिरकार उन्होंने इसे हरी-भरी धरोहर में बदल दिया और यहाँ गेहूं, मौसमी सब्जियां, ज्वार, मेथी, आंवला, जामुन, अमरूद जैसे कई किस्म के पेड़ लगाए।
उदयपुर की शान है देवरा होमस्टे
2004 में मेजर और ज्योति ने यहाँ अपने पहले मेहमान का स्वागत किया।
कभी तीन कमरों से शुरू हुए इस हेरिटेज होमस्टे में आज मेहमानों के लिए दस आलिशान कमरे हैं। यहाँ ज्योति अपने मेहमानों को न केवल चूल्हे पर पका स्वादिष्ट खाना खिलाती हैं; बल्कि उनके लिए हेरिटेज कुकिंग क्लासेस भी चलाती हैं।
चारों ओर हरियाली और लिली पॉन्ड से घिरी उदयपुर की इस जगह में आप अपने परिवार और पालतू जानवर के साथ भी शांति और सुकून भरा समय बिताने आ सकते हैं।
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