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गोवा में बंजर ज़मीन पर बना हरा-भरा ईको-फ्रेंडली होमस्टे

65 साल के पेंटा फेराओ पेशे से एक वकील हैं; लेकिन पर्यावरण के लिए उनका लगाव ऐसा है कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ गोवा के जंगल में एक बेकार पड़ी ज़मीन पर बना दिया इको-फ्रेंडली विलेज! जो आज प्रकृति का घर है और शहरी लोगों को सस्टेनेबल जीवन के मायने सिखा रहा है।

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गोवा में बंजर ज़मीन पर बना हरा-भरा ईको-फ्रेंडली होमस्टे

गोवा में हज़ार पेड़-पौधों और प्रकृति के सुन्दर नज़ारों के बीच मौजूद है खामा केथना, जहाँ नेचुरल ट्री हाउस-बने हुए हैं। क्या आप यक़ीन करेंगे कि यह जगह कभी पूरी तरह बंजर और बेकार थी!

इसके कायाकल्प का श्रेय जाता है गोवा के ही रहने वाले 65 साल के पंटा फेराओ को। 

बचपन से प्रकृति से जुड़े पंटा ने सालों तक वकील के तौर पर नौकरी करते हुए महसूस किया कि लोग प्रकृति और जंगल से दूर होते जा रहे हैं। बदलाव लाने के मकसद से उन्होंने अपनी कॉर्पोरेट जॉब छोड़ दी और गोवा के एक जंगल के बीच बंजर पड़ी एक ज़मीन खरीदकर इसे उपजाऊ बनाने की कोशिश में लग गए। 

2005 में उन्होंने यहाँ आर्गेनिक तरीके से कई फल-फूल के पौधे, सब्ज़ियां, घांस-फूस, जड़ी-बूटियां लगाने शुरू किये और काफी प्रयत्न के बाद आखिरकार इस ज़मीन को हरा-भरा बना दिया। 

The tree houses each have a private garden terrace.
गोवा का खामा केथना होमस्टे

इन्हीं पेड़-पौधों के बीच उनके बनाए कई नेचुरल ट्री हाउस आज प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा स्पॉट है। 

उन्होंने इन कॉटेज को लकड़ी, बैम्बू, मिट्टी जैसी नेचुरल और रीसाइकल्ड चीज़ों से बनाया है।   

गोवा में बीच और पार्टी करने तो हर कोई जाता है; लेकिन खामा केथना आने वाले मेहमान जंगल के बीच रहने और इसी ज़मीन पर उगाए गए ऑर्गेनिक खाने का स्वाद लेते हैं और शहर से लोग यहाँ भाग-दौड़ भरी रोज़ की व्यस्त ज़िंदगी से दूर, सस्टेनेबल लाइफ का अनुभव करने आते हैं। 

सालों की कोशिश और मेहनत के बाद पंटा फेराओ आज कई लोगों को साधारण जीवन का महत्व सिखा रहे हैं। 

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