महारष्ट्र में 1 जुलाई, 2018 की रात लगभग 11 बजे मालेगांव के पुलिस अधीक्षक, आईपीएस अफसर हर्ष ए. पोद्दार को मदद के लिए एक फ़ोन आया। दरअसल, लगभग 1500 लोगों की भीड़ एक पांच-सदस्यी परिवार को मारने के लिए आतुर थी। क्योंकि उन्हें संदेह था कि यह परिवार अपहरणकर्ता है। लेकिन पुलिस की समय-रहते कार्यवाही ने इस परिवार की जान बचायी।
उत्तराखंड के गगनदीप ने जो किया वह उनके काम का हिस्सा था। पर आज के जमाने में जब धर्म और राजनीती के नाम पर लोग अपना फ़र्ज़ भी भूल जाते हैं ऐसे मैं गगनदीप का ये साहस बेशक प्रेरित करने वाला है।
जहां एक तरफ आये दिन देश में राजनैतिक दल धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटकर अपनी रोटियां सेंकते हैं वहीं देश के युवाओं की सोच दिन-प्रतिदिन इन धर्म और जात-पात के पाखंडो से ऊपर उठ रही है। देहरादून के आरिफ़ खान इसी उम्दा सोच का उदहारण है जिन्होंने एक इंसान की जान बचने के लिए धर्म को नहीं बल्कि इंसानियत को महत्व दिया।
जिला कलेक्टर धरम रेड्डी की कोशिश सामाजिक समानता के साथ-साथ लोगों के रोजमर्रा के समस्यायों को हल करने की है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हुई कार्यशाला में उन्होंने जो भी सीखा उसे उपयोग में कैसे लाया जा सकता, इसका तरीका उन्होंने स्वयं करके दिखाया।
बैंकों से करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर भागे विजय माल्या को ब्रिटेन की अदालत में तगड़ा झटका लगा है। लंदन की कोर्ट ने भारतीय बैंकों की तरफ से 1.15 अरब डॉलर (10 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा वापस करने के लिए दायर यूके लॉसूट में माल्या के खिलाफ फैसला सुनाया है.