स्त्रोत: मातृभूमि
केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए आज हर कोई आगे बढ़कर मदद कर रहा है। अधिकारी, नागरिक और यहां तक कि देश के बाहर से भी मदद मिल रही है।
हम लगातार ऐसे बहुत से लोगों के बारे में लिख रहे हैं, जिन्होंने इस आपदा की घड़ी में निःस्वार्थ मदद कर मानवता का परिचय दिया है।
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ऐसे ही नि:स्वार्थ हीरो हैं अलुवा से ताल्लुक रखने वाले डॉ नसीमा और उनके पति डॉ नजीब। जब बाढ़ पीड़ितों के लिए अलुवा के यूसी कॉलेज में राहत-शिविर लगाया गया तो बिना किसी स्वार्थ के इन दोनों पति-पत्नी ने लोगों की मुफ्त में सेवा करने का फैसला किया।
पिछले तीन दिनों से खाने व पीने के लिए पानी के बिना भी वे लगातार लोगों का इलाज व देख-रेख कर रहे हैं। यहां तक कि वे बारी-बारी से केवल 3 घंटे के लिए सोते हैं।
इस राहत-शिविर में सैकड़ों लोग रह रहे हैं, जिन्होंने इस भयानक आपदा में अपना सब-कुछ खो दिया। लेकिन फिर भी डॉ. नजीब और डॉ. नसीमा जैसे लोग केरल में उम्मीद की किरण बने हुए हैं।
डॉ. नजीब बिनानीपुरम में ईएसआई डिस्पेंसरी में काम करते हैं और डॉ. नसीमा अंगमल्य के तालुका अस्पताल में काम करती हैं।
हम सलाम करते हैं इन लोगों को, जिनके हिम्मत और हौंसले के चलते केरल आज भी इस मुश्किल समय में अपना सिर उठाकर खड़ा है।
संपादन - मानबी कटोच