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Indian Jugaad | Sustainable Innovations | Inspiring Innovations \ \ भारतियों के वे जुगाड़, जो बन गए आविष्कार और बदली तस्वीर! \ \  

किसानों के लिए कम लागत की मशीनें बनाने वाला मैकेनिकल इंजीनियर!

By निशा डागर

"बड़े किसानों के लिए तो बाज़ार में उपलब्ध मशीनें खरीदना बहुत आसान है, लेकिन छोटे किसानों के लिए यह बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में अगर हम भी सिर्फ मुनाफे के बारे में सोचेंगे तो उनका क्या होगा?"

गुजरात: इनोवेटर किसान ने बनाया 10 हज़ार रुपए में डैम और 1.6 लाख में ट्रैक्टर!

By निशा डागर

'अगर दूसरों के कॉपी करने से मेरा यह डिजाईन देशभर के किसानों तक पहुँच सकता है और उनके लिए हितकर हो रहा है तो कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि हमारा उद्देश्य किसानों की भलाई है।'

दो भाइयों ने बनाई सस्ती विंड टरबाइन, अगले 20 साल के लिए पायें मुफ्त बिजली!

By निशा डागर

अरुण जॉर्ज ने अपने इस 'मेड इन इंडिया' विंड टरबाइन का सबसे पहला इनस्टॉलेशन भारतीय नेवी के लिए किया।

अब खुद अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे दिव्यांग, IIT मद्रास ने बनायी ख़ास 'स्टैंडिंग व्हीलचेयर'!

By निशा डागर

दिव्यांग-जनों के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वे नियमित तौर पर खड़े हों ताकि उनके शरीर के निचले भाग का ब्लड सर्कुलेशन और हड्डियां ठीक रहें। लेकिन इससे पहले इसके लिए उन्हें हमेशा दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था।

अपने घर में ही तालाब बनाकर कर सकते हैं मोती पालन, देशभर में लोगों को सिखा रहा है यह दंपति!

By निशा डागर

देश के 13 राज्यों में मोती पालन करने और सिखाने वाले इस दंपति को अब तक 70 से भी ज़्यादा सम्मानों से नवाज़ा गया है!

बिहार: धान की भूसी से पक रहा है खाना, 7वीं पास के इनोवेशन ने किया कमाल!

By निशा डागर

बहुत-से किसान अब धान की भूसी को फेंकने की बजाय बाज़ारों में इसे 10 रुपये किलोग्राम की दर से बेचते हैं!

इंजीनियर का इनोवेशन बना रहा है किसानों को सक्षम; खेत के कचरे से अब बनाते हैं ईंधन!

By निशा डागर

इस ईंधन को किसान घरों में तो इस्तेमाल करते ही हैं और साथ ही, बाकी को 7 रुपये से लेकर 10 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बाज़ार में बेच एक अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं!

10वीं पास किसान का इनोवेशन, एक घंटे में 300 क्विंटल कंपोस्ट टर्न करती है यह मशीन!

जितेंद्र शुरू से किसानों के लिए कुछ खास करना चाहते थे। शुरुआत में उन्होंने मशरूम की खेती की पर उनका मन इनोवेशन करने में था।

12 साल के बच्चे ने बनाई 500 रु से भी कम की छननी, बिना किसी मेहनत के साफ़ कर सकते हैं अनाज!

By निशा डागर

बोधि के माता-पिता ने 92वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में लगभग 20 मैकेनिकल छननी ऐसी महिलाओं को मुफ़्त में प्रदान की, जिनके किसान पतियों ने आत्म-हत्या कर ली थी।