/hindi-betterindia/media/post_attachments/uploads/2023/03/cow-dung-kit-for-holi-1-1678087483.jpg)
अहमदाबाद के प्रिंस पटेल साल 2019 से गोबर का इस्तेमाल करके, तरह-तरह की चीज़ें बना रहे हैं। उनका स्टार्टअप ‘केसर गौ प्रोडक्ट्स’ गौशाला से गाय का गोबर लेकर ये चीज़ें बनाता है। उनके प्रोडक्ट्स में से एक प्रोडक्ट वैदिक होली किट भी है, जिसे उन्होंने साल 2021 में खुद ही डिज़ाइन करके बनाया है। प्रिंस इस किट के ज़रिए लोगों को होलिका के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी का एक विकल्प देना चाहते थे।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें इस किट को बनाने का आईडिया गुजरात के एक गांव से आया था। उन्होंने देखा कि गांव के लोग होलिका के लिए गोबर के उपले बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन शहरों में लोग ढेरों लकड़ियां जला रहे हैं।
वैदिक किट है होली मनाने का ईको-फ्रेंडली तरीका
प्रिंस ने शहर वापस आकर एक ऐसा किट तैयार किया, जो लकड़ी की तरह ही लम्बे समय तक जलता रहे। उन्हें विश्वास था कि अगर शहरों में लोगों को विकल्प देंगे, तो लोग लकड़ी की जगह इस पर्यावरण अनुकूल प्रोडक्ट को ज़रूर अपनाएंगे।
इस वैदिक होली किट में उन्होंने 250 किलो गाय के गोबर को अलग-अलग डिज़ाइन के साथ इस्तेमाल किया है। जैसे बेस के लिए उन्होंने बड़े और मोटे उपले बनाए हैं, बीच के भाग के लिए थोड़े पतले और फिर सबसे ऊपर के लिए पतले-पतले उपले दिए हैं। इसके साथ ही वह किट में कपूर, घी, लैया के हार, अबीर, गुलाल कुमकुम, श्रीफल और गाय के गोबर से बने दिये भी देते हैं।
प्रिंस ने अपने इस काम के ज़रिए करीब पांच परिवार के 18 लोगों को रोज़गार भी दिया है। वह फ़िलहाल, अहमदाबाद और गांधीनगर में ही यह किट बेच रहे हैं। इस साल उन्होंने करीबन 90 वैदिक किट बेची हैं, जो पिछले साल के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। प्रिंस खुश हैं कि लोगों को उनका वैदिक होली किट पसंद आ रहा है और इसके ज़रिए वह पेड़ों की कटने से बचा पा रहे हैं।
आशा है, आपको भी उनका प्रयास अच्छा लगा होगा।
संपादन- अर्चना दुबे
यह भी पढ़ें- गांव के दो भाइयों ने YouTube से सीख किया ऐसा इनोवेशन, शार्क टैंक से मिली लाखों की डील