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मात्र 50 रुपये के लिए शुरू किया था काम, आज विदेश तक बिकती हैं इस गृहिणी की बैम्बू राखियाँ

Meenakshi bamboo rakhi
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अगर आप इंटरनेट पर बैम्बू राखी सर्च करते हैं, तो आपको चंद्रपुर (महाराष्ट्र) की एक सामान्य गृहिणी, मिनाक्षी वालके की फोटो और उनकी बनाई राखियां दिख जाएंगी। मात्र चार सालों में उन्होंने न सिर्फ अपने काम को एक सफल बिज़नेस बनाया है, बल्कि इससे अपनी अलग पहचान भी बना ली है।  वह बैम्बू से कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाती हैं और इसे देश के साथ-साथ, दुनियाभर में भेज रही हैं।  

उन्होंने बांस से पारम्परिक चीज़ें बनाने के साथ-साथ, कई नवाचार भी किए हैं और यही कारण है कि उनके प्रोडक्ट्स लोगों को खूब ज्यादा पसंद आते हैं।  महाराष्ट्र में कई लोग,  29 वर्षीया मिनाक्षी को बैम्बू लेडी के नाम से ही जानते हैं। 

मिनाक्षी की शादी साल 2014 में हुई थी,  जिसके बाद उन्होंने दो साल सिर्फ घर संभालने पर ही ध्यान दिया। लेकिन अपने बेटे अभिसार के जन्म के बाद, उनके पति के लिए अकेले घर की जिम्मेदारी उठाना थोड़ा मुश्किल हो गया था। इसलिए उन्होंने उनका साथ देने के लिए वुड कार्विंग और थ्रेड ज्वेलरी बनाने का काम घर से ही शुरू किया। 

Meenakshi Walke

बेटी को खोने के बाद बंद कर दिया था काम

मिनाक्षी ने बताया कि साल 2017 तक यह काम अच्छा चल रहा था। लेकिन फिर उनके जीवन में एक ऐसा दुखद मोड़ आया,  जिससे उन्होंने काम करना बंद कर दिया। उस दौर को याद करते हुए मिनाक्षी के पति मुकेश वालके बताते हैं, “साल 2018 में डिलीवरी के समय अपनी बेटी को खोने के बाद मिनाक्षी ने काम करने से मना कर दिया था। उन्हें लग रहा था कि ज्यादा काम के कारण ही उन्होंने अपनी बच्ची खोई है। लेकिन बावजूद इसके मैंने उनसे फिर से काम करने के लिए ज़िद की, ताकि उनका मन बुरे हादसे से निकल सके।”

हालांकि, शुरुआत में तो मिनाक्षी ने काम करने से मना ही कर दिया। लेकिन उसी दौरान उनके घर के नज़दीक ही वन विभाग का एक ट्रेनिंग सेंटर खुला,  जिसमें 70 दिन की बैम्बू आर्ट ट्रेनिंग दी जा रही थी। हालांकि, वह पहले से ही वुड कार्विंग का काम करना जानती थीं। लेकिन उनके पास कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं थी। इसलिए उन्होंने बैम्बू आर्ट ट्रेनिंग लेने का फैसला किया। उस समय उनका बेटा महज़ दो साल का ही था। 

साल 2018, जुलाई में अपनी बेटी को खोने के मात्र एक महीने बाद ही उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की थी। उस 70 दिन की ट्रेनिंग के बाद, मिनाक्षी को यह काम इतना अच्छा लगा कि उन्होंने झट से इसे अपने बिज़नेस बना लिया। वह कहती हैं, “मुझे इससे पहले बैम्बू से कुछ भी बनाना नहीं आता था। लेकिन काम सीखने के बाद मुझे लगा कि मैं इसमें अच्छा कर सकती हूँ। ट्रेनिंग के दौरान हमें एक हैंडटूल किट दिया गया था और मैंने घर आकर मात्र 50 रुपये में बांस खरीदकर अपना पहला प्रोडक्ट बनाया था।”

Bamboo Products

घर से शुरू हुआ छोटा सा काम कैसे बना बड़ा बिज़नेस? 

मीनाक्षी आर्ट और क्राफ्ट में तो पहले से ही माहिर थीं और अपने पहले बिज़नेस के बदौलत उन्हें बिज़नेस का भी थोड़ा बहुत आईडिया था। इसलिए उन्होंने घर से काम शुरू किया और थोड़े-बहुत ऑर्डर्स उन्हें मिलने लगे। पहले वह बैम्बू की टोकरी, लैंप आदि बनाया करती थीं। 

उसी दौरान उन्होंने नागपुर में सरकार की ओर से आयोजित एक मेले में भाग लिया। वहां जब वह अपने प्रोडक्ट्स लेकर गईं, तब उन्हें पता चला कि लोग बैम्बू की चीज़े बेहद पसंद करते हैं। फिर उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके कई डेकोरेटिव आइटम्स बनाना शुरू किया। 

उन्होंने कोशिश की कि बाजार में मिल रही चीज़ों से कुछ अलग बना सकें। तभी उनके जीवन में एक सुखद मोड़ आया। साल 2019 में विश्व स्तर मिस क्लाइमेंट प्रतियोगिता के आयोजक,  एक ईको-फ्रेंडली क्राउन बनाने के लिए किसी आर्टिस्ट की तलाश में थे। 

Meenakshi Designed Crown From Bamboo

तभी मिनाक्षी के पति ने सामने से मेल करके उन्हें सम्पर्क किया और मिनाक्षी को उनकी सुन्दर डिज़ाइन्स के कारण यह कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। उन्होंने अकेले ही बैम्बू से 16 क्राउन तैयार किए। मिनाक्षी कहती हैं, “आयोजकों को मेरा काम इतना अच्छा लगा कि उन्होंने मुझे भी प्रतियोगिता में बुलाया और मेरा सम्मान किया। यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।”

बैम्बू राखी का ख्याल कब और कैसे आया?

उस बेहतरीन लम्हे के बाद मिनाक्षी को एक नई पहचान मिली और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। समय के साथ मिनाक्षी ने समझा कि बैम्बू में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने पिछले साल, पहले बांस से एक QR कोड स्कैनर, तोरण, फ्रेंडशिप बेंड सहित कई चीज़ें बनाईं।  लेकिन उनका कहना है कि आज उनका बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट राखी है।  

यूं तो, उन्होंने साल 2018 से ही बैम्बू राखी बनाना शुरू किया था। लेकिन पहले यह प्रोडक्ट लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आया। मिनाक्षी ने बताया कि पहले साल उनकी 500 राखियां भी नहीं बिकी थीं। लेकिन आज यह बैम्बू राखी ही उनकी पहचान बन गई है। पिछले साल उन्होंने लंदन में 1200 राखियां बेची हैं और कुल 10 हजार राखियां बेचकर तीन लाख का मुनाफा कमाया।

Bamboo Rakhi Business

वहीं,  इस साल की बात करें, तो अब तक वह 6000 हजार बैम्बू राखियां बेच चुकी हैं। उनके पति मुकेश वालके ने भी पिछले साल मिनाक्षी की मदद के लिए अपनी खुद की नौकरी छोड़ दी थी। हाल में मुकेश ही मिनाक्षी के बिज़नेस के लिए सोशल मीडिया से जुड़ा काम और ऑर्डर्स आदि का ध्यान रखते हैं। 

इसके अलावा, मिनाक्षी अब तक 200 महिलाओं को बैम्बू के प्रोडक्ट्स बनाना भी सिखा चुकी हैं। वह चाहती हैं कि अपने जैसी और हजारों महिलाओं को काम से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाएं।  

फ़िलहाल उनके साथ 20 महिलाएं काम कर रही हैं। आप उनसे जुड़ने या उनके प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए उन्हें फेसबुक या 7038666360 पर सम्पर्क कर सकते हैं।  

संपादनः अर्चना दुबे

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