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इस सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का दिन शुरू होता है शौचालय की सफाई से!

By निशा डागर

कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।

सुरक्षा की दिशा में भारतीय रेलवे का अहम कदम; रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ बनेंगी दीवारें!

By निशा डागर

हाल ही में, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने निर्णय लिया है कि आवासीय क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक्स के दोनों तरफ 3, 000 किलोमीटर तक दीवारें बनवाई जाएगी ताकि ट्रैक पर अतिक्रमण को रोका जा सके। रेलवे के इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 2, 500 करोड़ रूपये खर्च होंगे। सीमेंट की इन दीवारों की की ऊंचाई 2.7 मीटर रखी जाएगी। 

"हर एक सूर्यास्त हमें याद दिलाता है कि सूर्य फिर से उदय होगा!"

By निशा डागर

यह कहानी है एसिड अटैक सर्वाइवर्स की, जो हर रोज एक उम्मीद में जीते हैं कि उनकी ज़िन्दगी फिर से खुशियों से भर सकती है। क्योंकि हर एक सूर्यास्त हमें याद दिलाता है कि सूर्य फिर से उदय होगा।

मुंबई के इस शख्स ने 40 अच्छे काम करके मनाया 40वां जन्मदिन; 'अब आपकी बारी'!

By निशा डागर

मुंबई के रुषभ तुरखिया ने अपने 40वें जन्मदिन पर 'योर टर्न नाउ' की पहल शुरू की। यह पहल आज एक ग्लोबल चेन बन चुकी है। आपको कभी भी अगर किसी के कुछ अच्छा करने का मौका मिलता है तो आप उस व्यक्ति को 'योर टर्न नाउ' कार्ड्स देकर और किसी के लिए अच्छा करने को प्रेरित करें।

केदारनाथ : डेढ़ साल तक हज़ारों गाँवों में भटक कर ढूंढ निकाला मृत घोषित पत्नी को!

By निशा डागर

राजस्थान के अलवर से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय विजेंद्र सिंह राठौर 2013 में हुई उत्तराखंड तबाही के दौरान अपनी पत्नी से बिछुड़ हो गये थे। पर उन्होंने हार नहीं मानी और लगभग डेढ़ साल बाद अपनी पत्नी को ढूंढ लिया। अब फिल्म-निर्माता सिद्दार्थ राय कपूर उनकी कहानी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।

सुदामा पाण्डेय 'धूमिल': हिंदी साहित्य का वह कवि जिसने जनतंत्र की क्रांति को शब्द दिए!

By निशा डागर

सुदामा पांडेय 'धूमिल' का जन्म 9 नवंबर 1936 को उत्तर-प्रदेश वाराणसी के निकट गाँव खेवली में हुआ था। उन के पिता शिवनायक पांडे एक मुनीम थे व माता रजवंती देवी घर-बार संभालती थी। अपनी लेखनी के चलते उन्हें 'धूमिल' उपनाम मिला। इन्हें हिंदी साहित्य का 'एंग्री यंग मैन' भी कहा जाने लगा।

साल 2008 में काबुल में शहीद हुए दो आईटीबीपी सैनिकों को मिलेगा कीर्ति चक्र!

By निशा डागर

इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के दो कॉन्सटेबल को भारत सरकार द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। पंजाब के पठानकोट से ताल्लुक रखने वाले अजय सिंह पठानिया और हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले कॉन्स्टेबल रूप सिंह ने 7 जुलाई, 2008 को काबुल में भारतीय दूतावास में बहुत सी जानें बचाने के लिए अपनी परवाह नहीं की।

इस स्वतंत्रता सेनानी के प्रयासों के कारण बना था काकोरी शहीद स्मारक!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्ण खत्री का जन्म वर्तमान महाराष्ट्र के जिला बरार के चिखली गाँव में 3 मार्च 1902 को हुआ था। उन्हें 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन' संगठन का दायित्व सौंपा गया। काकोरी कांड में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 18 अक्टूबर 1996 को उनका देहांत लखनऊ में हुआ।

दुर्गा पूजा : इस अनोखे पंडाल में दृष्टिहीन भी देख पाएंगे दुर्गा माँ को!

By निशा डागर

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के बालीगंज में समाज सेवी संघ ने अनोखी पहल शुरू की है। जो भी व्यक्ति देख नहीं सकते यानी कि जो आँखों से दिव्यांग हैं, उनके लिए खासतौर पर व्यवस्था की गयी है कि वे इस दुर्गा पूजो में माँ की प्रतिमा से लेकर पंडाल की सजावट तक, सभी कुछ छूकर महसूस कर सकते हैं। 

एक पैर के दम पर दौड़े 10 किलोमीटर मैराथन, पुणे के जावेद हैं लोगों के लिए प्रेरणा!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे में 24 वर्षीय जावेद चौधरी ने रविवार को एक 10 किलोमीटर हाफ-मैराथन खत्म किया और इसके बाद वे जमकर नाचे। उनके डांस का यह विडियो सब जगह वायरल हो रहा है। जावेद ने तीन साल पहले अपना एक पैर एक रोड एक्सीडेंट में गंवा दिया था।