अकेली माँ की परवरिश और समाज सेवा की ललक ने बनाया अनुक्रीती वास को मिस इंडिया 2018!

अकेली माँ की परवरिश और समाज सेवा की ललक ने बनाया अनुक्रीती वास को मिस इंडिया 2018!

फोटो: इंडिया टीवी

मिलनाडु की 19 वर्षीय अनुक्रीती वास ने हाल ही में 'मिस इंडिया 2018' का ख़िताब जीता है। हालाँकि, त्रिची से मुंबई तक का अनुक्रीती का सफर बहुत ही दिलचस्प रहा, पर सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाला है अनुक्रीती का एक एनजीओ के साथ काम। साल 2015 से अनुक्रीती एक एनजीओ के साथ ट्रांसजेंडर शिक्षा पर काम कर रही हैं।

"मेरे स्कूल के दोस्तों में से एक ट्रांसजेंडर था और उसे उसके परिवार ने नहीं अपनाया था। इस बात ने मुझे बहुत प्रभावित किया  और 2015 में, मैंने एक संगठन के साथ काम करना शुरू किया, जो ट्रांसजेंडर बच्चों की शिक्षा पर काम कर रहे हैं। अब हम 30 ट्रांसजेंडर बच्चों को गोद लेने और उन्हें शिक्षित करने की योजना पर काम कर रहे हैं," अनुक्रीती ने आईएएनएस को बताया।

अपनी जीत का श्रेय अनुक्रीती अपनी माँ सेलीना को देती हैं। उन्होंने कहा कि अकेले माँ के द्वारा परवरिश थोड़ी मुश्किल थी, पर इसी बात ने उन्हें हर परेशानी से लड़ना सिखाया है।

"चुनौतियों की शुरुआत तो स्कूल से ही हो गयी थी। मैंने त्रिची से पढ़ाई की, जो वास्तव में पूरी तरह से एक शहर भी नहीं है। पर मेरी माँ ने मुझे हमेशा बहादुरी से रहना सिखाया। वे कहती थी कि तुम हिम्मत वाली हो, तुम कैसे रो सकती हो। और इसी हौंसलें से उन्होंने मेरी परवरिश की," अनुक्रीती ने कहा

चेन्नई के लोयोला कॉलेज से अनुक्रीती फ्रेंच में ग्रेजुएशन कर रही हैं। इसी के साथ वे राज्य स्तर की अच्छी खिलाड़ी हैं व सुपर मॉडल बनने का ख्वाब देखती हैं।

अनुक्रीती एक बार फिर 'मिस वर्ल्ड' का ख़िताब भारत लाना चाहती हैं। अचानक मिलने वाली शोहरत के बावजूद उनका कहना है कि उनका जीवन बिल्कुल सामान्य है। वे अपने दोस्तों द्वारा मिले साथ के लिए भी बहुत आभार व्यक्त करती हैं।

हम अनुक्रीती को बहुत सी शुभकामनाएं देते हुए, आशा करते हैं कि वे अपने सभी सपनों को पूरा करें।

( संपादन - मानबी कटोच )


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे।

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe