Powered by

Home हिंदी दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

New Update
दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

स्त्रोत: डीडी न्यूज़

पूर्वोत्तर भारत की 36 महिलाएं दिल्ली में हर संभव खतरे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। राजधानी की यह पुलिस फाॅर्स देश की पहली फाॅर्स है, जिसमें इस विशेष हथियार, और रणनीति (स्वैट) टीम में सभी महिलाएं हैं! गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने औपचारिक रूप से शुक्रवार को इस टीम को प्रतिष्ठित किया।

दिल्ली पुलिस के इस नए विभाजन के बारे में जानिये छह बातें -

  1. यह टीम दिल्ली पुलिस आयुक्त अमुल्या पटनायक के दिमाग की उपज है। इस टीम में उत्तरपूर्व से 36 महिलाएं शामिल हैं। उनमें से 13 असम से हैं, अरुणाचल प्रदेश से 5, सिक्किम से 5, मणिपुर से 5, मेघालय से 4, नागालैंड से 2 और मिजोरम व त्रिपुरा से एक-एक।
  2. इन कमांडो को भारत और विदेशों के विशेषज्ञों द्वारा 15 महीने तक कठोर प्रशिक्षण दिया गया है।
  3. इन कमांडो को शहरी परिस्थितियों के साथ-साथ जंगल ऑपरेशन की भी ट्रेनिंग मिली है। इन्हें खासतौर पर इमारतों, वाहनों में बीच-बचाव व वीवीआईपी सुरक्षा आदि के लिए तैयार किया गया है।
  4. इनके 15 महीने के प्रशिक्षण में विस्फोटक और इम्प्रोविज्ड विस्फोटक डिवाइस (आईईडी) के बारे में जानकारी भी शामिल थी।
  5. इस विशेष टीम के लिए आपातकालीन परिस्थितियों का जवाब देना बेहद महत्वपूर्ण है। दिल्ली की SWAT टीम के एक प्रशिक्षक ने उनकी योग्यता के बारे में कहा, "अलार्म के एक मिनट के अंदर यह टीम अपनी गहरी से गहरी नींद से उठकर भी तुरंत एक्शन में आ सकती है। ये सभी कमांडो देश के बाकी हिस्सों में सभी कर्मचारियों से घुल-मिल गयी हैं। इसके अलावा अकादमी में भी यह सभी संस्कृतियों का मिश्रण है क्योंकि ये सभी देश के अलग-अलग कोनों से हैं।"
  6. कमांडो केंद्रीय और दक्षिण दिल्ली के साथ-साथ लाल किले और भारत गेट के आसपास रणनीतिक स्थानों पर नियुक्त होंगे।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए पटनायक ने कहा, "आतंकवादी हमलों और बंधक संकटों को संभालने की बात आने पर ये महिला कमांडो किसी से कम नहीं। यहां तक कि उन्हें झारोदा कलान के पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में उनके प्रशिक्षकों द्वारा उनके पुरुष समकक्षों से बेहतर रेटिंग मिली है।"


इसके अलावा ये कमांडो एमपी 5 सब-मशीन गन और ग्लॉक-21 पिस्तौल जैसे हथियारों का उपयोग करने में कुशल हैं।

कवर फोटो

मूल लेख: तन्वी पटेल


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें [email protected] पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।