पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बागरी बाजार में लगी आग को शांत करने के लिए फायर ब्रिगेड और लगभग 200 फायरमैन पिछले 48 घंटों से जूझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब तक इस आग में दुकानदारों और व्यपारियों का लगभग 200 करोड़ का सामान जलकर राख हो चूका है।
रविवार को लगी इस आग के लिए बहुत सी ऐसी बातें हैं जो जिम्मेदार हैं। और इस इमारत का ढांचा सीधा नहीं है। लेकिन फिर भी ये फायरमैन बिना थके-हारे राहत कार्य में लगे हुए हैं।
पदमश्री बिपिन गंतरा भी रहत कार्य में लगे हैं बिना रुके!
प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फायर ब्रिगेड के अलावा एक 60 साल का शख्स था जो यहां लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंचा। वह शख्स था, पदमश्री बिपिन गंतरा। उन्हें रविवार को सुबह लगभग 2:45 पर फ़ोन आया और उन्हें इस घटना के बारे में पता चला।
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अपने लम्बे जूते और पीले हेलमेट को हमेशा अपने बिस्तर के पास रखने वाले गंतरा तुरंत तैयार होकर दौड़ते हुए घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया, "मैं यहीं पर बड़ा हुआ हूँ और मुझे पता है कि इस बाजार में किस तरह का सामान बेचा जाता था। मुझे आग को देखते ही पता चला कि इस आग को बुझाना मेरे जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बनने वाला है। यह बहुत ही भीड़-भाड़ वाला बाजार है और यहां ज्यादातर ज्वलनशील चीज़े, जैसे परफ्यूम, इत्र आदि बेचे जाते हैं।"
जैसे ही फायर ब्रिगेड वहां पहुंचा, गंतरा ने उन्हें इस बाजार के बारे में और स्थिति की गंभीरता के बारे में सूचित किया। इसके बाद उन्होंने घटनास्थल का अच्छी तरह मुआयना किया ताकि वे सुनुश्चित करें कि कोई आग में फंसा तो नहीं हुआ है। जब उन्हें यकीन हो गया कि कोई व्यक्ति आग में नहीं फंसा है, तब वे वापिस जाकर फायर ब्रिगेड की मदद में लग गए।
रात में 3 बजे से बचाव कार्य में जुटे गंत्रा दोपहर 12:30 बजे तक बिना रुके लगे रहे और फिर एक बार दोपहर 3 बजे से आग बुझाने में जुट गए।
स्थानीय लोगों ने भी की मदद!
बिपिन गंतरा के अलावा बागरी बाजार से कुछ दूर स्थित साफ़री मस्जिद के लोगों ने यह सुनिश्चित किया कि सभी कर्मचारियों को पानी, चाय, खाना आदि पहुंचाया जाये।
मस्जिद की सामुदायिक रसोई घटना स्थल से लगभग 300 मीटर दूर है। घटना की जानकारी मिलते ही ये लोग भी सेवा कार्य में लग गए। दाऊदी बोहरा समाज के स्वयंसेवकों ने समय पर सभी राहतकर्मियों को चाय आदि पहुंचाई। रविवार से ही दोपहर और रात, दोनों समय लगभग 450 खाने के पैकेट्स ये लोग भिजवा रहे हैं।
दाऊदी बोहरा समाज जुजर रतलामवाला ने कहा, "जब हमारे इलाके में यह घटना सामने आई तो हम बस बैठकर नहीं देख सकते थे। फायरमैन और पुलिस के अलावा हमने दूकान के मालिकों को देखा, उनके लिए तो खाने के बारे में सोचना भी मुश्किल है।"
उन्होंने आगे बताया कि वे फायरफाइटिंग ऑपरेशन खत्म होने तक भोजन की सेवा जारी रखेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि कोलकाता जल्द से जल्द इस आपदा से उबरे। इसके अलावा ये सभी स्थानीय लोग प्रेरणास्रोत हैं, जो मुश्किल वक़्त में एकजुट होकर खड़े हैं।\
संपादन - मानबी कटोच