मनाएं देसी दिवाली, दोस्तों को प्लास्टिक में नहीं, केले के पत्तों में दें तोहफ़े

क्यों न यह दिवाली, प्रकृति वाली मनाई जाए। अगर आप पहले से ही, गिफ्ट रैपिंग के स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है।

Diwali Gift Packing Ideas

देशभर में लोग दिवाली की तैयारियों में जुट गए हैं। फिर चाहे वह साफ-सफाई, रंगाई-पुताई का काम हो या फिर तोहफे खरीदने का। किसे क्या गिफ्ट देना है, कितनी मिठाइयां बनवानी है? इन सब चीज़ों की तैयारी ज्यादातर घरों में पहले से ही कर ली जाती है। लेकिन अब जब उपहारों का आदान-प्रदान होगा, तो उपहारों को लपेटने में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक और कागज के रैपर्स का भी इस्तेमाल होगा ही।

अब प्लास्टिक के नुकसान के बारे में तो हम सब जानते ही हैं और कागज़ के लिए पेड़ों को काटा जाता है, यह भी जानते हैं, तो क्यों न इस बार कुछ अलग किया जाए। क्यों न यह दिवाली, प्रकृति वाली मनाई जाए। अगर आप पहले से ही, गिफ्ट रैपिंग के स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए एक उपाय है और वह है- केले का पत्ता।

केले के पत्ते 100 प्रतिशत पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ होते हैं। साथ ही, प्रयोग के बाद अगर इसे कहीं फेंक भी दिया जाए, तो यह आसानी से डिग्रेड हो जाते हैं। केले के पत्ते आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं और सस्ते भी होते हैं। इसके प्रयोग से आपका उपहार थोड़ा अलग भी दिखेगा और निश्चित रूप से आपके इस प्रयोग को सराहा भी जाएगा।

इन आसान स्टेप्स को फॉलो कर, मनाएं यह दिवाली नेचर वालीः

  • जिस गिफ्ट को पैक करना है, उसके आकार के आधार पर एक केले का पत्ता चुनें।
  • उपहार को केले के पत्ते के बीच में रखें।
  • केले के पत्ते का उपयोग करके उपहार को पैक करें। आप इसे बांधने के लिए एक स्ट्रिंग का उपयोग कर सकते हैं।
  • यदि आवश्यक हो, तो पक्षों को मोड़ा जा सकता है या आप इसे ऐसे ही छोड़ सकते हैं।
  • यदि आप पैकेज को सजाना चाहें, तो अपने आस-पास मिलने वाली किसी अन्य प्राकृतिक सामग्री का उपयोग कर सकते हैं।
  • आप पैकेज को सजाने के लिए फूलों या जामुन का भी उपयोग कर सकते हैं।

यदि आप अपने उपहारों को पैक करने के अन्य स्थायी तरीकों के बारे में जानते हैं, तो हमें लिखें।

मूल लेखः विद्या राजा

संपादन - मानबी कटोच

यह भी पढ़ेंः गृहिणी से बनीं किसान, फिर शुरू किया वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस, कश्मीर तक जाती है इनकी बनाई खाद

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe