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भारत की सबसे लंबी बैटरी-रेंज वाला E-Scooter, एक बार चार्ज करने पर चलेगा 480 किलोमीटर

E scooter in india by raft motors

मुंबई की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनी राफ्ट मोटर्स, अपने नए E-Scooter को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका दावा है कि इसकी लंबी बैटरी रेंज घरेलू मार्केट में मौजूदा ई-स्कूटर्स को कड़ी टक्कर देगी। यह भारत का सबसे लंबी दूरी तक चलनेवाला इलेक्ट्रिक स्कूटर होगा। राफ्ट मोटर्स के अनुसार, एक बार चार्ज करने पर यह स्कूटर 480 किमी की दूरी तय कर सकता है। 2 नवंबर से  INDUS NX  की बुकिंग शुरू हो जाएगी।  

राफ्ट मोटर्स अपने ई स्कूटर INDUS NX  के तीन मॉडल बाजार में उतारेगा-

इन सभी वैरिएंट में 1 लाख किमी (तीन साल) की वारंटी और इन-हाउस असेंबल लिथियम-आयन बैटरी होगी। इस बैटरी का निर्माण कंपनी शुरुआत से ही करती आ रही है। 

चार्जिंग को लेकर अब परेशान नहीं होना पड़ेगा 

राफ्ट मोटर्स के सह-संस्थापक परिवेश शुक्ला ने द बेटर इंडिया से बात करते हुए कहा, “हमारा मकसद एक ऐसी बैटरी रेंज वाला इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाना था, जिसकी चार्जिंग को लेकर राईडर्स को परेशान न होना पड़े। INDUS NX एक ऐसा ही डबल बैटरी वाला स्कूटर है। फुटबोर्ड के नीचे लगी इसकी 48V 135 Ah क्षमता वाली फिक्स्ड बैटरी एक बार चार्ज करने पर 325 किमी की दूरी तय करती है।

इसे तुरंत चार्ज करने की जरूरत नहीं है। इसमें 48V 65Ah की क्षमता वाली एक और पोर्टेबल बैटरी लगी है। एक बार फिक्स्ड बैटरी के डिस्चार्ज होने के बाद, राइडर को मिनिएचर सर्किट ब्रेकर (एमसीबी) पर स्विच करना होगा और स्कूटर ईवी पोर्टेबल बैटरी पर चलने लगेगा। अब आप बिना किसी परेशानी के 156 किमी और आगे तक का सफर तय कर कर सकते हैं। अब अपनी ईवी की बैटरी के बीच रास्ते में खत्म होने की कशमकश नहीं झेलनी पड़ेगी।”

कंपनी के दूसरे सह-संस्थापक राकेश साल्वे कहते हैं,  “ई-स्कूटर के साथ, हम एक 10 amp चार्जर भी दे रहे हैं। इससे INDUS NX को 100 से 150 किमी तक चार्ज करने में लगभग तीन से चार घंटे लगेंगे। लेकिन ग्राहक चाहें, तो हमसे 30 amp फास्ट चार्जर भी खरीद सकते हैं। इसके लिए 15000 रुपये का अलग से भुगतान करना होगा। यह चार्जर व्हीकल को सिर्फ 6 घंटे में पूरी तरह से चार्ज कर देगा।”

थेफ्ट अलार्म और चाइल्ड-सेफ पार्किंग मोड जैसी सुविधाएं

INDUS NX में  रिवर्स गियर, थेफ्ट अलार्म, कीलेस-स्टार्ट, रिमोट-लॉकिंग, चाइल्ड-सेफ पार्किंग मोड और 45 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड जैसी सुविधाएं भी हैं। राकेश साल्वे और परिवेश शुक्ला ने साल 2016 में राफ्ट मोटर्स की शुरुआत की थी। तब वे दोपहिया और चार पहिया वाहन के लिए हेलमेट और सेफ्टी गार्ड का निर्माण करते थे।

लेकिन जब सरकार ने साल 2018 में फोर व्हीलर के लिए सेफ्टी गार्ड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी, तो उनका सारा ध्यान भारत में उभरते ईवी क्षेत्र की ओर चला गया। उन्होंने 2017 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए प्रोडेक्ट्स बनाने शुरू कर दिए थे। इससे पहले वे दोनों लेड एसिड बैटरियों के साथ काम कर रहे थे।

लेकिन उस काम में ईवी के फ्यूल की लागत में बचत नहीं हो रही थी। बाद में 2017 में, उन्होंने लिथियम फेरो-फॉस्फेट बैटरी को असेंबल करना शुरु कर दिया और ग्राहकों को एक लाख किमी की वारंटी देने वाला भारत का पहला उद्यम बन गया। परिवेश कहते हैं, “इसने हमारे ग्राहकों का उत्पाद के प्रति विश्वास बनाने में कामयाबी दिलाई। ग्राहकों ने 2021 में हमारी बैटरी की बदौलत 1.25 लाख किमी तक अपने इलेक्ट्रिक वाहन चलाए हैं।”

The Indus NX by Raft Motors

पूरे भारत में 550 से ज्यादा डीलरशिप

राकेश ने बताया, “परिवेश और मैंने लगभग पांच साल पहले इस वैंचर की शुरुआत की थी। एक साल के अंदर हमें समझ आ गया था कि ऑटोमोबाइल उद्योग खासकर ईवी सैगमेंट काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके साथ आगे बढ़ने के लिए हमेशा नए विचार और सुधारों की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा, “समय के साथ, राफ्ट मोटर्स की दिशा और चेहरा बदल गया। आज पूरे भारत में 550 से ज्यादा डीलरशिप में हमारी मौजूदगी है। लेकिन हम अभी भी खुद को एक स्थापित स्टार्टअप कहते हैं।” राकेश के पास 15 साल से अधिक का कॉर्पोरेट अनुभव है, जबकि परिवेश ऑटोमोबाइल उद्योग के एक पुराने खिलाड़ी हैं।

ऐप से चलने वाला पोर्टेबल चार्जिंग स्टेशन 

लिथियम फेरो-फॉस्फेट बैटरी के बाद कंपनी ने ईवी टु व्हीलर में अपना हाथ आजमाया। ये ऐसे ई स्कूटर मार्किट में लेकर आए, जिनकी बैटरी रेंज 60 से कहीं ज्यादा लगभग 125 किमी थी।  हालांकि, भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और बैटरी की औसत रेंज अभी भी चिंता का विषय है। परिवेश के मुताबिक, चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की कमी के कारण देश में चार्जिंग स्टेशन कम हैं। इसकी वजह से ईवी कंपनियां घाटे में चल रही हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए राफ्ट मोटर्स ने एक पोर्टेबल चार्जिंग स्टेशन बनाया है। जिसके लिए ग्राहक को 5000 रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।

परिवेश ने बताया, “यह पोर्टेबल चार्जिंग स्टेशन एक ऐप से चलता है और इसके लिए न तो किसी खास जगह की जरुरत होगी न ही खास व्यक्ति की। ऐप पर कोड स्कैन करने के बाद आपको एक घंटे की चार्जिंग के लिए केवल 25 रुपये का भुगतान करना होगा। इस पोर्टेबल चार्जर को बाजार के जनरल स्टोर से लेकर ऑफिस कॉम्प्लेक्स और मॉल तक, कहीं भी लगाया जा सकता है। यह पोर्टेबल चार्जिंग स्टेशन अभी, लगभग एक महीने पहले ही लॉन्च किया गया है। हम पिछले छह-सात महीनों से इस पर काम कर रहे हैं और 2 नवंबर से इसे अपने ग्राहकों तक पहुंचाना शुरू कर देंगे। हालांकि हमारे नए ई स्कूटर INDUS NX के लिए इस पोर्टेबल चार्जिंग स्टेशन की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन अन्य ईवी कंपनियां इसका फायदा उठा सकती हैं।” 

रास्ते अभी और भी हैं

फिलहाल मुंबई के वसई-ईस्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बड़े पैमाने पर ये ई-स्कूटर बनाए जा रहे हैं। लेकिन उनकी सोच थोड़ी अलग है। एक बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के बजाय, उनका उद्देश्य छोटी यूनिट लगाने का है। वे चाहते हैं कि हर 10 जिलों में उनकी एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हो। इसके पीछे भी एक कारण है।

राकेश कहते हैं, “ईवी के साथ-साथ चार्जर को भी मरम्मत की जरूरत होती है और स्पेयर पार्ट्स भी चाहिए होते हैं। ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम ये सारी सुविधाएं ग्राहकों के आस-पास मुहैया कराएं। मार्केट में ढूंढने पर भी ईवी टेक्निशियन नहीं मिलते हैं। दरअसल, हमारा एजुकेशन सिस्टम छात्रों को ईवी के बारे में सिखाता ही नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “इन छोटी इकाइयों में, हम स्थानीय लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को ठीक करने, सर्विसिंग और मरम्मत करने का भी प्रशिक्षण देंगे। जब तक प्रशिक्षित तकनीशियन नहीं होंगे, हमारा व्यवसाय सफल नहीं हो सकता। आज, ग्राहकों को डर लगा रहता है कि अगर उनकी ईवी सड़क पर खराब हो गई तो, वह उसे अपने आस-पास कहीं भी ठीक नहीं करवा पाएंगे। संबंधित कंपनी के तकनीशियन ही उसे ठीक कर सकता है, कोई और नहीं।”

ईवी रिपेयरिंग के लिए 30 दिन की ट्रेनिंग भी

ईवी को रिपेयर करने या फिर इसके बारे में जानकारी देने के लिए, इच्छुक लोगों को 30 दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए 99 रुपये फीस देनी होगी। परिवेश कहते हैं, “ट्रेनिंग के बाद वह व्यक्ति चाहे तो हमारे साथ जुड़ सकता है या अपना सर्विस सेंटर खोल सकता है या फिर किसी अन्य ईवी कंपनी के शोरूम में भी काम कर सकता है।” 

फिलहाल, राफ्ट मोटर्स कर्नाटक के बेंगलुरु और बेल्लारी,  डिंडीगुल(तमिलनाडु), वलसाड (गुजरात), मध्य प्रदेश के रायसेन और छिंदवाड़ा, उड़ीसा के गंजम व केंद्रपाड़ा और पंजाब के संगरूर में छोटी यूनिट लगा रहे हैं।

परिवेश का दावा है कि ये सभी यूनिट्स 10 नवंबर 2021 तक काम करना शुरु कर देंगी। उनका लक्ष्य मार्च 2022 तक ऐसी 100 इकाइयों को चालू करने का है। उनकी यह कंपनी बिना किसी बाहरी फंडिंग के काम कर रही है। अब देखना यह है कि राफ्ट मोटर्स अपने दावों को पूरा कर पाती है या नहीं।

मूल लेखः रिंगचेन नोरबू वांगचुक 

संपादनः अर्चना दुबे

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