यह लेख, द बेटर इंडिया द्वारा ‘कोविड-19 केयर’ के बारे में वेरिफाईड जानकारियां साझा करने की एक श्रृंखला (सीरीज) का हिस्सा है। वैसे तो सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर, कोविड-19 से जुड़ी कई तरह की जानकारियां साझा की जा रही हैं। लेकिन, हमारी आपसे गुजारिश है कि बिना किसी सत्यापन या जाँच-पड़ताल के किसी जानकारी पर भरोसा न करें। सही तथ्यों को आप तक पहुंचाने के लिए, हम कुछ डॉक्टर और विशेषज्ञों के वीडियो और उनके माध्यम से वैज्ञानिक शोध पर आधारित जानकारियां आपसे साझा कर रहे हैं।
पिछले सप्ताह भारत में एक दिन में, तीन लाख कोरोना मामलों का आंकड़ा पार हो गया। इसी के साथ, घर में ही 'होम-आइसोलेशन' में रह रहे कोविड-19 के मरीजों के लिए, अजीब-ओ-गरीब घरेलू नुस्खों और तरीकों की भरमार लग गयी है। हाल ही में, सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है कि भाप लेते समय कपूर, नीलगिरी के तेल और नीम के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
इन बातों को बढ़ावा न देने और आप तक सटीक जानकारियां पहुंचाने के लिए, द बेटर इंडिया विशेषज्ञों से बात करके आपके साथ सही जानकारियां साझा कर रहा है।
मिथक 1:
पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सऐप पर एक मैसेज काफी फॉरवर्ड किया जा रहा है कि एक छोटी सी पोटली में कपूर की कुछ गोलियां, थोड़ा सा अजवाइन और कुछ लौंग के साथ नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें छिड़कें और पोटली को बाँध लें। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि इस पोटली की सुगंध लेने से, शरीर में ‘ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने’ में मदद मिलती है।
लेकिन फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के पल्मनॉलॉजी विभाग के निदेशक और प्रमुख, डॉ. मृणाल सरकार इस पर पूरी तरह से असहमति जताते हैं।
उनका कहना है, "ऐसा बिल्कुल नहीं है। कृपया एक-दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें। अपना मास्क पहने रखें और सैनिटाइज करते रहें। ऐसे किसी भी मिथक पर ध्यान न दें। यदि आप संक्रमित हैं, तो अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार का पालन करें। यह इस तरह के मिथकों को बढ़ावा देने का समय नहीं है।"
ध्यान दें कि कपूर के इस मिश्रण को सूंघना, आपके लिए खतरनाक हो सकता है। क्योंकि, इससे ‘पॉइजनिंग’ हो सकती है। जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं, उनके फेफड़ों में वायरल संक्रमण और श्वसन तंत्र में खराबी के कारण, खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इसका नाक के बंद होने से कोई लेना देना नहीं है। अगर ऐसा करने से आपकी बंद नाक खुल भी जाती है, तो इससे ऑक्सीजन के स्तर में कोई सुधार नहीं होगा।
मिथक 2:
बहुत से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दावा किया जा रहा है कि 'स्टीम थेरेपी कोरोना वायरस को मार सकती है।' साथ ही, एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पानी में नीम के पत्ते और अदरक डालकर भाप लेने से, कोविड-19 के लक्षण जैसे- सर्दी, जुकाम आदि में सुधार हो सकता है।
इस वीडियो पर बात करते हुए फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग़ के पल्मनॉलॉजी विभाग के निदेशक और प्रमुख, डॉ. विकास मौर्य कहते हैं, "इससे आपको आराम मिल सकता है, जैसा कि भाप लेने से हमेशा मिलता है। लेकिन, यह कोविड-19 का 'इलाज' नहीं है।"
वह कहते हैं, "अगर कोई बेहतर महसूस कर रहा है, तो उसे यह नहीं सोचना चाहिए कि अब उसे कोविड नहीं है या वह ठीक हो गया है।"
भाप लेने के लिए आप चाहे जो भी चीजें पानी में मिलाएं, लेकिन अगर आप में कोविड-19 के लक्षण हैं या आप कोरोना पॉजिटिव हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। उन्होंने कहा, "अपने अनुसार खुद का इलाज न करें। ये नुस्खे आपको बेहतर तो महसूस कराएंगे, लेकिन आपको पूरी तरह से ठीक नहीं करेंगे।”
मिथक 3:
एक भ्रम यह भी है कि यदि आप बिना किसी असुविधा के 10 सेकंड के लिए अपनी सांस रोक सकते हैं, तो आप कोविड-19 पॉजिटिव नहीं हैं।
इस मिथक को खत्म करते हुए डॉ. विकास कहते हैं, "बिल्कुल नहीं! अगर आपको लगता है कि आप में कोविड-19 के लक्षण हैं, तो कृपया अपना टेस्ट कराएं। अगर आपको बुखार, खांसी, जुकाम, सांस फूलना, गंध न आना और स्वाद न आने जैसे लक्षण हैं, तो यह जरूरी है कि आप जांच करवाएं।"
वह आगे कहते हैं, "सबसे पहले आइसोलेट (घर में सभी सदस्यों से अलग) हो जाएं। सुनिश्चित करें कि आपसे किसी और व्यक्ति को संक्रमण न हो। कोविड-19 वायरस हवा में मौजूद कणों के माध्यम से, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकता है। इस तरह, अपनी सांस को 10-15 या 20 सेकंड तक रोकना, कुछ भी साबित नहीं करता है।"
डॉ फहीम यूनुस, एमडी, जो इस तरह के कई मिथकों को दूर करने के लिए, ट्विटर पर सही जानकारियां साझा कर रहे हैं। अपने एक ट्वीट में उनका कहना है, "कोविड-19 से संक्रमित कई युवा मरीज, अपनी साँस को दस सेकंड से ज्यादा तक रोक सकते हैं। वहीं, बहुत से स्वस्थ बुजुर्ग ऐसा नहीं कर पाएंगे।"
आप SARS-COV 2 वायरस से संक्रमित हैं या नहीं- इसके बारे में पता लगाने का एक ही तरीका है कि आप टेस्ट कराएं और इस तरह के मिथकों से दूर रहें।
मूल लेख: विद्या राजा
संपादन- जी एन झा
यह भी पढ़ें: प्लाज़्मा डोनेशन से जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं एक्सपर्ट डॉक्टर
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।
Follow Us
/hindi-betterindia/media/media_files/uploads/2021/04/Dr.-Maurya-1.jpg)
/hindi-betterindia/media/media_files/uploads/2021/04/WhatsApp-Image-2021-03-31-at-1.38.35-PM.jpeg)
/hindi-betterindia/media/media_files/uploads/2021/04/Screenshot-2021-04-26-at-3.13.16-PM.jpg)
/hindi-betterindia/media/media_files/uploads/2021/04/WhatsApp-Image-2021-04-26-at-12.54.29-PM.jpeg)