क्या होता है जब आप पढ़ते या देखते हैं गुमनाम नायकों की कहानियां?
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प्रीति टौंक
मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।
इन्होंने बचाए हैं बुंदेलखंड के 75 तालाब
By प्रीति टौंक
एक बार मेरे किसी पहचान वाले के निधन के बाद हम शमशान से आए और मान्यता के अनुसार वहाँ मौजूद सभी लोगों को घर के अंदर आने से पहले नहाना था, लेकिन पूरे गांव में हम सबके नहाने के लिए पानी नहीं था, उस दिन पानी के लिए मेरा पूरा परिवार तेज़ धूप में तीन किलोमीटर चलकर दूसरे गांव तक गया था। मेरा पूरा बचपन पानी के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता है, इसलिए मैं पानी का महत्त्व जानता हूँ।"