केरल के एर्नाकुलम में रहने वाले विनय कुमार बालाकृष्णन ने सीएसआईआर- नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेहूं के चोकर से बायोडिग्रेडेबल सिंगल यूज क्रॉकरी बनाई है।
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निशा डागर
बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.