Powered by

Home अनमोल इंडियंस पकौड़े की दुकान में काम करने के साथ की पढ़ाई, देश की प्रतिष्ठित गेट परीक्षा पास कर लहराया परचम!

पकौड़े की दुकान में काम करने के साथ की पढ़ाई, देश की प्रतिष्ठित गेट परीक्षा पास कर लहराया परचम!

डिप्लोमा करने के बाद वे चाहते तो कोई छोटी-मोटी नौकरी कर आराम से ज़िंदगी बिता सकते थे, लेकिन लगातार आगे बढ़ने की चाह ने उन्हें निश्चिंत होकर बैठने नहीं दिया।

By Sanjay Chauhan
New Update
पकौड़े की दुकान में काम करने के साथ की पढ़ाई, देश की प्रतिष्ठित गेट परीक्षा पास कर लहराया परचम!

हते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। यदि मेहनत और सच्ची लगन से कोई काम किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। ऐसी ही एक प्रतिभा से आज आपको रू-ब-रू करवाते हैं, जिसने तमाम कठिनाइयों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और कठिन मेहनत की बदौलत देश की प्रतिष्ठित गेट परीक्षा में सफलता का परचम लहराया।

पीपलकोटी के रहने वाले सागर शाह ने सरकारी स्कूल से 12वीं की शिक्षा लेने के बाद देहरादून से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। डिप्लोमा करने के बाद वे चाहते तो कोई छोटी-मोटी नौकरी कर आराम से ज़िंदगी बिता सकते थे, लेकिन लगातार आगे बढ़ने की चाह ने उन्हें निश्चिंत होकर बैठने नहीं दिया। वे उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। उन्होंने कोठियालसैण (चमोली) के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और वहाँ अध्ययनरत हैं। सागर शाह आज पहाड़ के छोटे कस्बों के होनहार छात्रों के लिए प्रेरणा-स्रोत बन गए हैं।

publive-image
सागर शाह

पीपलकोटी मुख्य बाजार में सागर के घरवालों की एक छोटी-सी, लेकिन प्रसिद्ध शाहजी की पकौड़ी की दुकान है। देश के अंतिम गाँव नीती-माणा से लेकर दिल्ली, पंजाब, कश्मीर तक इस दुकान की पकौड़ी की धूम है। स्थानीय लोगों से लेकर तीर्थयात्रियों और सेना के जवान तक इस दुकान की पकौड़ी के मुरीद हैं। शादी-ब्याह से लेकर अन्य कार्यक्रमों में भी यहाँ की पकौड़ी की भारी मांग होती है।

जहाँ पीपलकोटी जैसे छोटे कस्बे में गेट परीक्षा की तैयारी के लिए बेहतर माहौल या कोई कोचिंग संस्थान भी नहीं हैं, वहीं, सागर को पढ़ाई के दौरान अपनी पुश्तैनी पकौड़ी की दुकान में भी हाथ बंटाना पड़ता था। इसके बाद जितना भी समय मिलता, सागर गेट की परीक्षा की तैयारी करते। सागर की जिद थी कि हर हाल में गेट परीक्षा पास करनी है। गेट की परीक्षा बेहद कठिन मानी जाती है। लेकिन होनहार और प्रतिभावान सागर ने कड़ी मेहनत के बलबूते पहले ही प्रयास में गेट परीक्षा पास करने में सफलता प्राप्त की। सागर की इस सफलता से पीपलकोटी सहित उनके इंजीनियरिंग कॉलेज में भी खुशी का माहौल है। सागर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने ताऊजी ललित शाह, पिताजी मोहित शाह, माँ और कॉलेज के गुरुजनों को दिया। सागर का कहना है कि पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो केवल खुद पर भरोसा कर मेहनत करने की।

publive-image
पकौड़ी की दुकान में हाथ बंटाते सागर


क्या है गेट परीक्षा

गेट (GATE) का मुख्य उदेश्य विद्यार्थियों की प्रतिभा का परीक्षण और मूल्यांकन करना हैकि क्या वे भारत के उच्च तकनीकी संस्थानों में अध्ययन करने के लिए योग्य हैंया नहीं। GATE (ग्रैजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है

देश की बेहद कठिन परीक्षाओं में है गेट


गेट परीक्षा को बेहद कठिन माना जाता है। हर साल लाखों स्टूडेंट्स इस परीक्षा में बैठते हैं, जिनमें से कुछ को ही सफलता मिल पाती है। इस परीक्षा में 100 अंकों के लिए कुल 65 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह परीक्षा दो भागों में होती है। इसमें जनरल एप्टिट्यूड, इंजीनियरिंग मैथ और कोर इंजीनियरिंग विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में मल्टिपल चॉइस (MCQs) और रिक्त स्थानों की पूर्ति, दोनों प्रकार के प्रश्नों का समावेश रहता है। गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंक दिए जाते हैं।

गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद यहाँ मिलता है दाखिला और नौकरी का अवसर 

publive-image

इसचुनौतीपूर्ण और ऑल इंडिया लेवल की परीक्षाके जरिए देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी एवं अन्य) में एम.टेक., एम.ई. और पीएच.डी. जैसे मास्टर व डॉक्टोरल कोर्सेस में दाखिला मिलता है। इसके अलावा देश की बहुत-सी पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) कंपनियाँ भी इसी परीक्षा के जरिए भर्तियाँ करती हैं। यही नहीं, बहुत से स्कॉलरशिप के लिए भी इसी परीक्षा के प्राप्तांक मान्य होते हैं।

ये बैठते हैं इस परीक्षा में

जिनके पास चार वर्षीय इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की बैचलर डिग्री हो (B.E./ B.Tech./ B.Pharm.) या जिन्होंने आर्किटेक्चर में बैचलर किया हो अथवा अध्ययनरत हों, गेट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। गेट का स्कोर कुल तीन साल के लिए मान्य रहता है। इस टेस्ट को आप कितनी भी बार दे सकते हैं। इसके लिए प्रयासों की संख्या की कोई सीमा नहीं है।


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें [email protected] पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।