जन्म से ही नहीं है दोनों हाथ फिर भी पैरों से परीक्षा दे ऑटो चालाक की बेटी ने 12वीं में हासिल किया प्रथम डिवीज़न!

जन्म से ही नहीं है दोनों हाथ फिर भी पैरों से परीक्षा दे ऑटो चालाक की बेटी ने 12वीं में हासिल किया प्रथम डिवीज़न!

सम के होजाइ जिले के छोटे से शहर मुजराहर से ताल्लुक रखने वाली 17 साल की जेबीन कौसर ने जो कर दिखाया है उसका वर्णन करने के लिए प्रेरणा शब्द भी शायद कम पड़े।

न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, जेबीन के जन्म से ही हाथ नहीं हैं। उनके पिता एक ऑटो-ड्राइवर और माँ गृहणी हैं। पर हर मुश्किल को पार करते हुए जेबीन ने न केवल 12वीं की परीक्षा को पास किया बल्कि उनका नाम स्कूल से प्रथम डिवीजन प्राप्त करने वाले 11 विद्यार्थियों में शामिल हैं।

स्कूल की प्रिंसिपल अफ़साना बेगम चौधरी ने न्यूज़18 को बताया, "हमें जेबीन और बाकी सभी विद्यार्थियों पर गर्व है। हमारे स्कूल ने 17 साल बाद इतना अच्छा परिणाम देखा है। हमने कभी जेबीन को महसूस नहीं होने दिया कि वो अलग है। उसके सहपाठी और अध्यापकों ने बाल-विहार से लेकर अब तक हमेशा उसकी मदद की और अभी भी यह सिलसिला जारी है। उसके इस सफ़र में हम सब हर पल उसके साथ हैं।"

स्कूल के सभी बच्चों के आईडी कार्ड के पीछे जेबीन की वह तस्वीर सुशोभित की गयी है, जिसमें वो पैर से कलम पकड़ कर परीक्षा लिख रही है, ताकि उन्हें हर पल प्रेरणा मिले कि कोई भी मुश्किल हौसलों से बड़ी नहीं होती।

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गुवाहाटी से लगभग 180 किलोमीटर दूर मुजराहर में रहने वाली जेबीन छह बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके माता-पिता  अब्दुल जब्बार और फातेहा बेगम अपनी बेटी की इस कामयाबी पर फुले नहीं समा रहें हैं।

जेबीन की माता ने न्यूज़18 को बताया, "हमने हमारी बेटी को बहुत मुश्किलों से पाला है। पर उसकी कामयाबी पर हम खुश और अचम्भित दोनों हैं क्योंकि उसने जो किया अपनी मेहनत से किया कभी भी किसी विषय का ट्यूशन नहीं लिया।"

जेबीन आगे चलकर स्कूल टीचर बनना चाहती हैं। अभी उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए होजाइ के मरियम अजमल कॉलेज में दाखिला लिया है। हालाँकि जेबीन का परिवार उसकी आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित है, क्योंकि उनकी मासिक आय केवल 5000 रूपये है। जेबीन के स्कूल की पढाई का खर्च अब तक मुजारहर गाइडेंस जूनियर ट्रस्ट ने उठाया था।

( संपादन - मानबी कटोच )


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