/hindi-betterindia/media/post_attachments/uploads/2017/01/mohan-chawada.png)
Global Warmingऔरप्रदूषण (Pollution)केबढ़तेकहरकेबारेमेंजहाँएकतरफहमसिर्फचिंताकररहेहैं, वहींदूसरीओरकेरलकेकुछपरिवारजुटेहैंएकजैविकगाँवबनानेमें।मोहनचावड़ाकेमार्गदर्शनमेंबनरहायहगाँव (Pollution Free Village)एकप्रेरणाहैंआनेवालीपीढ़ियोंकोएकखूबसूरतदुनियासौंपनेकाऔरबेहतरभारतबनानेका।
भरतपुजा नदीकाखूबसूरतकिनारा, घनेहरे-भरेपेड़ोंकीछायाऔरउनकेबीचएकस्व-निर्मितट्री-हाऊस।अंदरमोहनचावड़ाऔरउनकापरिवारअपनेजैविकबगीचेकीताजाउपजसेभोजनपकारहाहै।
मोहनचावड़ाकापरिवारकेरलकेपालक्काड़जिलेमेंउभरतेइसजैविकगाँवकापहलानिवासीहैं।चावड़ाद्वाराहीअवधारितऔरस्थापितयहगाँवढाईएकड़केप्राकृतिकग्रामीणक्षेत्रकेबीचमेंऔरमन्नंनूररेलवेस्टेशनसेकुछहीदूरीपरबसाहुआहै।
पढ़िए वह कहानी कि कैसे मोहन चावड़ा, एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार, बना रहे हैं एक अनोखा जैविक गाँव जो आधारित है स्थिरता, साधारण जीवन और प्राकृतिक सामंजस्य जैसे मूल्यों पर।
चावड़ाऔरउनकीपत्नीरुक्मिणी (एकनर्सिंगकॉलेजकीपूर्वप्रधानाध्यापिका) नेबहुतसमयसेएकसपनासंजोयाथा — ऐसेलोगोंकासमुदायबनानेका,जोसमर्पितहोपर्यावरण-अनुकूलितऔरहरितजीवनजीनेकेलिए। 2013 मेंउन्होंनेअपनीहीतरहसोचनेवाले 14 परिवारोंसेअपनेलिएएकस्व-निर्वाहितजैविकगाँवबनानेकीबातकी।वेसबप्रदूषण, संसाधितखाद्यपदार्थऔरशहरकीअव्यवस्थाओंकोछोड़करप्रकृतिकीगोदमेंएकनयाऔरस्वस्थजीवनजीनाशुरूकरनाचाहतेहैं।
जबउन्हेभरतपुजानदीकेकिनारेकीखूबसूरतढाईएकड़जमीनकापतालगा, उन्हेंवहजगहजैविकगाँवबनानेकेलिएसबसेबढ़ियालगी।अपनीपूँजीइकट्ठीकरउन्होंनेवोजमीनखरीदली, जहाँपहलेएकरबड़बागानहुआकरताथा।
उनकेग्रुपनेशुरूआतउनरबड़केपेड़ोंकोकाटनेऔरहटानेसेकीजोमिट्टीकेलिएहानिकारकथे।फिरफलदारपेड़औरसब्जीकेबगीचेलगानेसेपहलेउन्होनेअपनेहीहाथोंसेअपनाएकट्री-हाऊसबनाया।
2015 में मोहन, रुक्मिणी और उनकी दो बेटियां — 18 वर्षीय सूर्या और 11 वर्षीय स्रेया इस उभरते गाँव में रहने आ गए, ऐसा करने वाले वे पहले थे।
इसजैविकगाँवकाप्रारूपसाझेदारीऔरएकजुटताकेसिद्धांतोंकोध्यानमेंरखतेहुएबनायागयाहै।इसकीशुरुआतसेहीयहांप्रशंसकोंकाआनाजानालगारहाहै, इसलिएचावड़ापरिवारऔरबाकीसभीपरिवारोंनेमिलकरएकगेस्टहाउसऔरएकबड़ासामुदायिककिचन (रसोईघर) बनानातयकिया, जहाँसबमिलकरपकाऔरखासके।इनपरिवारोंनेकलाकारों, कार्यकर्ताओंऔरपड़ोसीगांवोंकेलोगोंकोभीगाँवमेंआयोजितहोनेवालेसाप्ताहिककलासम्मेलनोंमेंआमंत्रितकरनेकीयोजनाबनाईहै।
हालहीमें, चावड़ापरिवारनेछतडालनेकेलिएथोड़ीबाहरीमददलेकर, अपनेलिएएकसाधारणसाकच्चामकानबनानाशुरूकिया।फल, सब्जियाँऔरदालेंलगानेकेअलावाचावड़ापरिवारगाय, बकरियाँऔरमुर्गीपालनभीकरताहैं।
गाँव में आने वाले हर मेहमान का स्वागत रुक्मिणी द्वारा जैविक बगीचे की ताजा पैदावार से बनाए स्वादिष्ट खाने से होता है। शाम का खाना अक्सर स्थानीय सुरीले गीतों और उत्साहपूर्ण कला चर्चा के साथ होता है।
/hindi-betterindia/media/post_attachments/uploads/2016/12/12227085_1086144808062616_3167456528175500898_n.jpg)
चावड़ापरिवारकामाननाहैकिप्रेम, मानवताऔरदयाजैसीभावनाओंकेबारेमेंहमनियमितस्कूलोंकेबजायप्रकृतिकेबीचरहकरज्यादासीखसकतेहैं।यहीकारणहैकिस्रेयाऔरसूर्यास्कूलछोड़करयहप्राकृतिकजीवनजीरहीहै।हालाँकिसूर्याअपनीक्लासकीटाॅपरथीजबउसनेआठवींमेंस्कूलछोड़ा, लेकिनवहइसवैकल्पिकऔरअनौपचारिकशैक्षिकपद्धतिकेसाथज्यादासहजऔरखुशहैं।
दूसरीतरफस्रेयाडिस्लेक्सियासेग्रसितहै।उसकेशिक्षकहमेशाउसकीक्षमताओंकोसमझनेऔरउनकेसाथकामकरनेमेंअसमर्थरहे, लेकिनइसजैविकगाँवनेउसकेसामनेइतनीराहेंखोलदीहैकिवहधीरे-धीरेविकसितहोरहीहै।
दोनों ही बहनों को प्रकृति को निहारना, काम करते हुए पक्षियों का कलरव सुनना और ट्री-हाऊस में रहकर ताजा हवा का आनंद लेना बहुत पसंद है।
सूर्याऔरस्रेयालगातारघूमतीभीरहतीहैताकिअपनेप्रदेशकीसांस्कृतिकऔरसामाजिकविभिन्नताकेबारेमेंजानसके। 2013 मेंउन्होंनेअरनमूलतकएकबाल-रैलीकानेतृत्वकियाथाऔरप्रतीकस्वरूपधानकेपौधेलगाकरएकप्रोजेक्ट, जिससेउसइलाकेकीजैव-विविधताकोनुकसानपहुंचता, केप्रतिजागरूकताफैलायीथी।
अपनेपितासेसीखकरसूर्याऔरस्रेयामूर्तियाँबनानेऔरदूसरीकलाओंमेंभीकाफीकुशलहोगईहै।अपनीसृजनात्मकताकोमाता - पिताद्वाराहौसलाबढ़ानेकेचलते, दोनोंबहनोंनेअपनेकच्चेमिट्टीकेमकानकीदीवारेंमूर्तियोंऔरतस्वीरोंसेसजादीहैं।शहरकीभागमभागसेदूरएकशांतजगहबसाकर, मोहनचावड़ानेअपनेप्रयासोंसेगाँवकोपारंपरिकवन्य-जीवनऔरकलात्मकरचनाकाआकर्षकमिश्रणबनादियाहै।
अपनेबच्चोंपरइससाधारणजीवनशैलीकासकारात्मकप्रभावदेखकरचावड़ाऔरबाकीपरिवारोंनेखुदकीशिक्षाप्रणाली (जिसमेकलाऔरशिल्पवर्कशॉप, बागबानी, आदिभीसम्मिलितहोंगी) जिससेकिबच्चेसाथमिलकररहनेकेलिएप्रोत्साहितहोनकिएकदूसरेसेमुकाबलाकरनेकेलिए।
अपनीइससाहस, स्थिरताऔरप्रेमकीकहानीसेचावड़ापरिवारनेजैविकजीवनशैलीकाएकअनोखाउदाहरणपेशकियाहैजोकिवाकईमेंपूरेभारतमेंकईलोगोंकोअपनीजड़ोंकीतरफलौटनेकीप्रेरणादेगा।
मोहन चावड़ा से आप उनके फेसबुक पेज पर संपर्क कर सकते है।
Source for all photos: Mohan Chavara
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें [email protected] पर लिखे, या Facebook और Twitter (@thebetterindia) पर संपर्क करे।
Pollution Free Village, Pollution Free Village, Pollution Free Village,