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आज की कहानी है 16 साल की हर्षिता की। हर्षिता दिल्ली में रहती हैं और उनके दादा-दादी अमेरिका में बसे हैं। हर साल हर्षिता अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने अमेरिका जाती हैं। वहां वह गर्मी की छुट्टियों का भरपूर मज़ा लेती हैं। लेकिन वहां की एक चीज़ जो उन्हें बेहद पसंद है वह है बबल टी या बोबा। बबल टी एक तरह की चाय है जो वहाँ के कई आउटलेट्स में बड़ी आसानी से मिलती है।
बबल टी का आविष्कार 1980 के आसपास हुआ था और यह ताइवान का एक लोकप्रिय पेय है। पिछले एक दशक से यह पूरे विश्व में काफी लोकप्रिय हुआ है। यह पेय बबल यानी 'बुलबुले' की झागदार परत के लिए जाना जाता है जिसे मिल्क टी, चॉकलेट मिल्क या बर्फ लट्टे जैसे पेय पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है। चाय में टैपिओका बीड्स या 'पर्ल' भी होते हैं।
हर्षिता छुट्टियों से जब वापस आती तो वहां का यह पेय उन्हें बहुत याद आता था। यहाँ यह बबल टी मिलती तो थी लेकिन अमेरिका जैसा स्वाद नहीं मिल पा रहा था।
इस बारे में अपने दोस्तों और परिचितों से बातचीत करने पर उन्हें पता चला कि भारत में भी उनकी ही तरह कई लोग हैं जिन्हें बबल टी से प्रेम है।
आखिरकार, पिछले साल हर्षिता ने खुद अपना बबल टी उद्यम शुरू करने का फैसला किया। हर्षिता सिर्फ 16 साल की हैं। वह नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास स्कूल में पढ़ती हैं और Necessiteas की संस्थापक हैं। देश की राजधानी में रहने वाले लोग एक अच्छी गुणवत्ता वाली बबल टी का लुत्फ यहां पा सकते हैं।
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15 साल की उम्र में बिजनेस आइडिया पिच करना
हर्षिता का ताल्लुक केएलजे केमिकल्स के स्वामित्व वाले परिवार से है और इसलिए वह बिजनेस प्लान, स्ट्रेटेजी और फाइनेंस की बातें सुनते हुए ही बड़ी हुई हैं। वह कंपनी उनके दादाजी ने शुरू की थी, और वही हर्षिता के आदर्श हैं।
हर्षिता का जन्म अमेरिका में हुआ लेकिन वह दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने परिवार में हमेशा से बिजनेस संबंधित बातें ही सुनी। यहां तक कि खाना खाते वक्त मेज़ पर भी हमेशा किसी न किसी बिजनेस योजना पर बातें होती थी। और इसलिए उनका झुकाव उद्यमिता की तरफ गया।
यह विचार उनके मन में करीब एक साल पहले आया जब वह अपने स्कूल में युवा उद्यमी अकादमी (YEA) में भाग ले रही थीं। उन्होंने 2019 में YEA में निवेशक पैनल के लिए अपने Necessiteas आइडिया को पिच किया और प्रथम स्थान प्राप्त किया। मई 2019 में, उन्हें न्यूयॉर्क के रोचेस्टर में YEA वैश्विक प्रतियोगिता में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था, जहाँ उन्होंने जजों को भी काफी प्रभावित किया।
हर्षिता के लिए, बबल टी जीवन में एक आवश्यकता है। यह एक पेय है जो एक थका देने वाले दिन के दौरान ताज़गी देती है। और इसलिए उन्होंने इसका नाम Necessiteas रखा है। यह शब्द अंग्रेज़ी के दो शब्द, नेसेसिटी और टी को जोड़ कर बनाया गया है।
ताइवान से टैपिओका पर्ल आयात करना
हर्षिता बताती हैं कि 2019 के अंत में उन्होंने कुछ इच्छुक ग्राहकों को बबल टी डिलिवर करना शुरू किया। दिसंबर 2019 तक, उन्होंने Necessiteas लॉन्च किया और आधिकारिक तौर पर बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी कंपनी के लिए एक ट्रेडमार्क भी बनाया है।
देश भर में, लॉकडाउन लागू होने से पहले तक, हर्षिता ने करीब 300 कस्टमाइज़ बबल टी ऑर्डर डिलिवर की हैं। वह ऑर्डर केवल शनिवार को ही लेती हैं और प्रति सप्ताह उन्हें लगभग 25-30 ऑर्डर मिलते हैं। हर्षिता को उम्मीद है कि कोरोनावायरस की स्थिति ठीक होने के बाद वह इस साल के अंत तक करीब 400 ऑर्डर और प्राप्त कर सकती हैं। और इससे उन्हें करीब 80 हज़ार का मुनाफा हो सकता है।
शनिवार को हर्षिता अपनी पढ़ाई से छुट्टी लेती हैं और पांच सबसे पॉपुलेर फ्लेवर में बबल टी बनाती हैं। इनमें से ओरिजिनल मिल्क टी सबसे ज़्यादा बिकता है। The Necessiteas बबल टी और भी कई फ्लेवर में आते हैं, जैसे कि डालगोना, कोल्ड कॉफी, आइस टी और चॉकलेट। प्रत्येक बोतल की कीमत 199 रुपये है।
फिलहाल हर्षिता कुछ नए फ्लेवरों पर काम कर रही हैं। Necessiteas की खासियत यह है कि यहां आप अपनी पसंदीदा मात्रा में चीनी, दूध के प्रकार आदि के साथ अपनी पेय को कस्टमाइज़ करा सकते हैं।
वह बताती हैं कि वह उच्च गुणवत्ता वाले समाग्री इस्तेमाल करती हैं और बहुत ही ध्यान और प्यार के साथ बबल टी तैयार करती हैं। वह कहती हैं, “टैपिओका पर्ल सीधे ताइवान से आयात किए जाते हैं औऱ स्थानीय तौर पर मिलने वाले पर्ल की तरह नहीं होते हैं जिन्हें अक्सर ज़्यादा चबाना पड़ता है और बेस्वाद होता है।”
हर्षिता बबल टी का हर ऑर्डर एक स्टैन्डर्ड और रियूजबल ग्लास में भेजती हैं और ग्राहकों को उसे फ्रेश पीने की ही सलाह देती हैं।
हर्षिता बताती हैं कि वह ज़्यादातर समाग्री स्थानीय स्तर पर ही मंगाती हैं। जहां तक टैपिओका पर्ल का सवाल है तो वह आयात होता है। यह पहले चेन्नई और फिर दिल्ली पहुंचती है। वह कहती हैं, “यह निश्चित रूप से इनपुट लागत को बढ़ाता है लेकिन बेहतर गुणवत्ता के लिए यह ज़रूरी है।”
शुरूआत में, उसने वन मैन अर्मी यानी अकेले ही सबकुछ करने का सोचा था लेकिन ऑर्डरों की बढ़ती संख्या देखते हुए उन्हें अपने माता-पिता से मदद लेनी पड़ी। हालांकि, बबल टी बनाने से लेकर मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स तक, हर्षिता ज्यादातर काम अकेले ही करती हैं।
संतुष्ट ग्राहक
वह दावा करती हैं, "हमारी यूएसपी बेहतरीन स्वाद है जो ताजी सामग्री और टॉप श्रेणी के टैपिओका पर्ल से आती है।" यह सिर्फ स्वाद है जिसने हर्षिता को भारत में ग्राहक की संख्या बढ़ाने में मदद की है।
हर्षिता की सहपाठी सनाया वर्मा के लिए, Necessiteas बबल टी एक ऐसी पेय जिसे वह हर शनिवार को ज़रूर पीना पसंद करती हैं। वह बताती हैं, “उसने हाल ही में गुड़गांव डिलिवर करना शुरू किया है और मैं तब से हर हफ्ते ऑर्डर कर रही हूं। खुद बबल टी की शौकीन होने के नाते, मुझे लगता है कि उसका उत्पाद बहुत बढ़िया है! वह हमारी प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्येक पेय घर पर व्यक्तिगत रूप से बनाती है। गुणवत्ता और स्वाद, सब कुछ बेहतरीन है।”
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दक्षिण दिल्ली के एक आभूषण व्यवसायी राघव साहनी, Necessiteas के एक और समर्पित ग्राहक हैं। वह कहते हैं कि, "वह हर ड्रिंक को परफेक्ट बनाने के लिए बहुत मेहनत करती है।"
राघव कहते हैं कि उन्हें इस ब्रांड के बारे में उनके एक दोस्त ने बताया और उन्होंने फोन से ऑर्डर दिया। इसका ज़ायका उन्हें इतना पसंद आया कि अब वह अक्सर ऑर्डर करते हैं। वह कहते हैं कि यहाँ मिलने वाले पेय का जायका बहुत बढ़िया है और उन सिंथेटिक फल वाले वेरिएंट की तरह नहीं हैं जो आमतौर पर अन्य स्थानों पर मिलते हैं। बबल या पर्ल उनके चाय की विशेष खासियत है।
जल्द ही एक पॉप-अप आउटलेट खोलने की योजना
वर्तमान में हर्षिता Necessiteas के इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप अकाउंट और कॉल के ज़रिए ऑर्डर लेती हैं। अब तक, वह केवल शनिवार को ही यह पेय बेचती है, लेकिन जल्द ही अपने व्यावसायिक कार्यक्रम में एक और दिन जोड़ने की योजना बना रही हैं।
वह 12वीं कक्षा में जाने वाली हैं और अगले वर्ष के लिए स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT) की तैयारी भी कर रही हैं। वह भविष्य में यूएसए से एमबीए करना चाहती हैं। हालांकि, वह आश्वस्त हैं कि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने व्यवसाय को भी ठीक से चला पाएंगी।
Necessiteas के साथ, हर्षिता का लक्ष्य इस साल एक पॉप-आउटलेट खोलना था लेकिन कोरोनावायरस महामारी ने फिलहाल उनकी योजना पर पानी फेर दिया है। लेकिन अभी भी उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक अपनी योजना पर काम कर सकती हैं। वह कहती हैं, “बबल टी को ताजा पीना चाहिए, यही कारण है कि मुझे लगता है कि पॉप-अप स्टोर आवश्यक है। मैं बबल टी को भारत में एक पेय संस्कृति के रूप में पेश करना चाहती हूं और मुझे यकीन है कि मेरे जैसे कई लोग होंगे जो इसके प्यार में पड़ जाएंगे। ”
"जुनून के लिए उम्र बाधा नहीं"
जब उनसे पूछा गया कि इतनी कम उम्र में उद्यमी बनना कैसा लगता है, तो हर्षिता बताती हैं कि उनका मानना है कि भारत में उनके जैसे कई छात्र उद्यमी हैं, जिनके प्रयास की तरफ ध्यान नहीं जाता है। वह कहती हैं, “लोग आमतौर पर मुझे इस उम्र में व्यवसाय चलाते देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरा जुनून है, और जुनून उम्र से तय नहीं किया जा सकता है। 16 के हों या 60 साल के, हमेशा हमें अपने दिल की सुननी चाहिए और वही करना चाहिए जो दिल कहता है।”
मूल लेख-SAYANTANI NATH
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