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पबजी के जमाने में लोगों को सांप-सीढ़ी और पचीसी की तरफ लौटा रही है यह महिला उद्यमी!

"हमारे पूर्वज अपने मनोरंजन के लिए बोर्ड गेम्स खेलते थे और यह सिर्फ खेल नहीं होता था। इनसे उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती थी। मैंने सोचा कि क्यों न हमारी आने वाली पीढ़ी को इनसे रू- ब- रू कराया जाए ताकि उनमें बचपन से ही अच्छे गुरों का विकास हो।"

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पबजी के जमाने में लोगों को सांप-सीढ़ी और पचीसी की तरफ लौटा रही है यह महिला उद्यमी!

चपन से ही कल्याणी गोंगी ने प्रकृति और उसके संसाधनों की कद्र करना सीखा। उनके पिता जैविक तरीकों से किसानी करते थे और पारंपरिक फसलों के साथ-साथ उन्हें तरह-तरह की जड़ी-बूटियों और औषधीय पेड़-पौधों की भी अच्छी जानकारी थी।

प्रकृति की इस अनमोल धरोहर को समाज के भले के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाए, ये गुर कल्याणी को अपने पिता से विरासत में मिली। सिर्फ जैविक खेती ही नहीं बल्कि पुराने जमाने के खेल-खिलौने, कलाकृतियाँ आदि ने हमेशा कल्याणी को प्रेरित किया।

कल्याणी बताती हैं कि वह पर्यावरण के प्रति बहुत ही संवेदनशील हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा खुद को समृद्ध प्रकृति के बीच पाया। उनके पिता जो भी एरोमेटिक पौधे या फिर हर्ब्स उगाते थे, उनका इस्तेमाल लोगों के लिए कैसे हो सकता है, इस बात की जानकारी कल्याणी को भली-भांति है।

एक इंजीनियरिंग ग्रैजुएट होने के बावजूद उन्होंने अपने पिता और अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाने की ठानी और इसी के साथ साल 2011 में नींव रखी गई, एनशिऐंट लिविंग (Ancient Living) की। अपने इस स्टार्टअप के ज़रिए कल्याणी का उद्देश्य लोगों को एक इको-फ्रेंडली लाइफस्टाइल का विकल्प देना है।

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Kalyani Gongi

यह स्टार्टअप त्वचा और बालों की देखभाल के लिए इको-फ्रेंडली, केमिकल-फ्री और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बनाता है। इसके अलावा, पुराने समय में खेले जाने वाले बोर्ड गेम जैसे पचीसी, अष्ट चम्मा आदि को भी फिर अस्तित्व में ला रहा है।

इस बारे में कल्याणी कहती हैं,

"मैं उन लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूँ जो पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हैं, जिन्हें इस बात की फ़िक्र है कि उनकी स्किन या फिर बालों के लिए प्रोडक्ट्स केमिकल-फ्री हों और प्राकृतिक चीजों से बने हों। इसके साथ ही, हमारे पूर्वज अपने मनोरंजन के लिए बोर्ड गेम्स खेलते थे और यह सिर्फ खेल नहीं होता था। इनसे उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती थी। मैंने सोचा कि क्यों न हमारी आने वाली पीढ़ी को इनसे रू- ब- रू कराया जाए ताकि उनमें बचपन से ही अच्छे गुरों का विकास हो।"

उनके सभी प्रोडक्ट्स हाथों से बनाए जाते हैं और इन्हें बनाने के लिए प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल होता है। उनके प्रोडक्ट्स में हाथ से बने प्राकृतिक साबुन, बालों के लिए जैविक शैम्पू पाउडर, नेचुरल फेस पैक, इको-फ्रेंडली शैम्पू बार, और बालों के लिए तेल आदि शामिल हैं।

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वह आगे बताती हैं कि उनकी टीम हर एक प्रोडक्ट की गुणवत्ता की पूरी-पूरी ज़िम्मेदारी लेती हैं। उनके किसी भी प्रोडक्ट में सिंथेटिक डाई, परफ्यूम, पराबेन, और सल्फेट का इस्तेमाल नहीं होता। ये सभी प्रोडक्ट्स बायोडिग्रेडेबल, और क्रुएलिटी-फ्री हैं। साथ ही, इन्हें क्राफ्ट पेपर और ग्लास बोतल में पैक किया जाता है।

प्रोडक्ट्स बनने की प्रक्रिया के बारे में कल्याणी कहती हैं, "हम सिर्फ सर्टिफाइड ऑर्गेनिक फार्म्स से ही रॉ मटेरियल लेते हैं, जो कि ताजा, शुद्ध और गुणवत्ता से भरपूर हों। सबसे पहले इन सभी इंग्रेडीएंट को अलग-अलग करके एक ग्लास हाउस में धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद इन्हें हमारी इन-हाउस माइक्रोबायोलॉजी लैब में टेस्टिंग के लिए लाया जाता है। हर एक स्टेप को बहुत ही ध्यान से किया जाता है ताकि एंड-प्रोडक्ट बहुत ही उच्च गुणवत्ता का हो।"

सभी प्रोडक्ट्स को बनाते हुए इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह सिर्फ हमारे ग्राहकों के लिए ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक न हों। उदहारण के लिए उनके सभी साबुन,  हर्ब्स और प्राकृतिक तेलों से बनते हैं और आसानी से डीकंपोज़ हो जाते हैं। इसके अलावा, वे शैम्पू बार (साबुन) बना रहे हैं ताकि प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल को एकदम बंद कर सकें।

लोगों के पर्सनल यूज के लिए इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बनाने के साथ-साथ यह स्टार्टअप पुराने आर्ट फॉर्म्स को भी सहेज रहा है। एनशिएंट लिविंग की टीम तेलांगना और आस-पास के इलाकों से इन आर्ट फॉर्म्स को जानने वाले लोगों को ढूंढ़कर उनकी पारंपरिक कलाओं और खेलों को एक प्लेटफॉर्म दे रही है।

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Ancient Living आज बहुत से आर्टिस्ट को रोज़गार दे रहा है। उनका लूडो और पचीसी लकड़ी का बना हुआ है और लकड़ी के डिब्बे में इसे पैक किया गया है। इन लकड़ी के डिब्बों को ये आर्टिस्ट ही बना रहे हैं। कहीं न कहीं इन पुराने खेलों के ज़रिए एनशिएंट लिविंग न सिर्फ हमारी संस्कृति बल्कि भारतीय खेलों की समृद्ध विरासत को भी सहेज रही हैं।

पर्यावरण और पारंपरिक विरासत को सहेजने के साथ-साथ उनका उद्देश्य ज़रूरतमंद तबके तक पहुंचना भी है। अपने प्रोडक्ट्स के लिए वे किसानों और कारीगरों से सीधे जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार से जोड़ने के लिए भी एक खास पहल, विद्या की शुरुआत की है।

वह बताती हैं, "विद्या के ज़रिए हमारा उद्देश्य महिलाओं को सशक्त और आर्थिक तौर पर आत्म-निर्भर बनाना है। हम उन्हें ज़िंदगी का एक उद्देश्य देना चाहते हैं।"

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Ancient Living की टीम ने अब तक 70 महिलाओं को अलग-अलग प्रोडक्ट्स जैसे खुशबूदार मोमबत्ती, कपड़े और कागज़ के बैग और पाउच आदि बनाने की ट्रेनिंग दी है। इन महिलाओं को ट्रेन करने के बाद उन्हें रोज़गार भी दिया गया है। सबसे अच्छी बात यह है कि जो महिलाएं अपने घर की ज़िम्मेदारियों के चलते हर रोज़ फैक्ट्री में आकर काम नहीं कर सकतीं, उन्हें अपने घर से ही काम करने की आज़ादी है।

Ancient Living के प्रोडक्ट्स आपको देशभर के ऑर्गेनिक स्टोर्स और ऑनलाइन मिल जाएंगे। उनके प्रोडक्ट्स ऑनलाइन देखने और खरीदने के लिए यहाँ पर क्लिक करें।

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अपने सफ़र की चुनौतियों के बारे में कल्याणी कहती हैं कि लोगों को सही प्रोडक्ट्स के बारे जागरूकता ही नहीं है। उन्हें नहीं पता कि वे जो प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर रहे हैं उनका असर सिर्फ उनके शरीर पर ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी पड़ता है। इस वजह से अक्सर सही ग्राहक मिलना मुश्किल है।

आज भी हमारे यहाँ बहुत ही कम लोग हैं जो ऑर्गेनिक और केमिकल-फ्री प्रोडक्ट्स का सही महत्व समझते हैं। इसके लिए, वह लगातार लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करती हैं। उनका उद्देश्य लोगों को सस्टेनेबल लाइफस्टाइल और सस्टेनेबल पर्यावरण की तरफ ले जाना है।

अंत में कल्याणी सबके लिए सिर्फ यही संदेश देती हैं कि हमें निश्चित करना होगा कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए यह दुनिया सुरक्षित हो। ऐसा सिर्फ तभी संभव है जब हम अपने स्वास्थ्य और अपने पर्यावरण के लिए सही प्रोडक्ट्स चुनेंगे।

यदि आप भी एक सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं, तो आज ही उनके प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए यहाँ पर क्लिक करें! 

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संपादन - अर्चना गुप्ता


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