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बेटों ने मिलकर दी माँ के हुनर को पहचान, देश-दुनिया में मशहूर है ‘अम्मा की थाली’

भारत में लगभग हर घर-परिवार में एक न एक ऐसी महिला होती हैं, जिनके हाथों का स्वाद दूर-दूर तक मशहूर होता है। जिन्हें आप कोई व्यंजन पकाने के लिए कहें, वे झटपट तैयार करके आपको परोस देती हैं। उत्तर-प्रदेश में जौनपुर की रहनेवाली शशिकला चौरसिया की गिनती भी इन्हीं पाककला में पारंगत महिलाओं में होती है। पांचवी पास शशिकला के हाथों में मानो जादू है। हमेशा घर की चारदीवारी में घर-परिवार को संभालने वाली शशिकला ने चार-पांच साल पहले तक कभी नहीं सोचा था कि उनके परिवार के अलावा भी कोई उनके बारे में जानेगा। लेकिन आज सैकड़ों-हजारों नहीं बल्कि लाखों लोग उनकी पाककला के बारे में जानते हैं और उनसे सीख भी रहे हैं। यह कमाल हुआ है यूट्यूब और सोशल मीडिया के जरिए। 

शशिकला चौरसिया यूट्यूब और सोशल मीडिया पर अपने कुकिंग चैनल, ‘अम्मा की थाली‘ के लिए मशहूर हैं। उनके चैनल को न सिर्फ भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी फॉलो किया जा रहा है। 

अपने इस सफर के बारे में उन्होंने द बेटर इंडिया को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “मैं यूपी के एक छोटे से गांव रखवा से आती हूं। मेरी शादी बहुत ही कम उम्र में हो गयी थी। हमारे जमाने में लड़कियों को पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा घर के काम-काज सीखने पर जोर दिया जाता था। शादी के बाद ससुराल आने पर मैंने रसोई की जिम्मेदारी संभाल ली। मैंने अपनी माँ से कई तरह के अचार बनाने सीखे थे और फिर सास से तरह-तरह के व्यंजन। खाना बनाने का शौक हमेशा से रहा है। हम अलग-अलग चीजों से कुछ भी नया बना सकते हैं लेकिन बाहर की दुनिया से ज्यादा वास्ता नहीं रहा।” 

बेटे के आईडिया ने दी माँ को पहचान 

चौरसिया परिवार की शहर में बहुत पुरानी मिठाई की दुकान है। लेकिन खाना बनाने में पारंगत होने के बावजूद ऐसा कभी नहीं हुआ कि शशिकला ने कभी व्यवसाय में दखल दिया हो। क्योंकि हमारे समाज में ज्यादातर महिलाओं को घर की जिम्मेदारी संभालनी होती है। इसलिए उनकी पाककला भी घर तक ही सीमित थी। उनका पूरा ध्यान सिर्फ अपने बच्चों की देखभाल पर रहा। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। उनके सबसे बड़े बेटे चंदन चौरसिया बीटेक ग्रैजुएट हैं। 

चंदन ने बताया, “पढ़ाई और नौकरी के लिए मैं घर से बाहर रहा था। इसलिए चीजों के बारे में थोड़ी समझ बढ़ी। फिर देश में जियो लॉन्च हुआ तो सस्ते दाम पर इंटरनेट मिलने लगा। इसके बाद, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भी सोशल मीडिया और यूट्यूब के बारे में जानकारी बढ़ने लगी। हम भी अक्सर देखते थे कि आजकल कैसे लोग अपने हुनर के जरिए यूट्यूब पर चैनल बनाकर नाम और शोहरत कमा रहे हैं। वहीं से हमें ख्याल आया कि हमारी अम्मा तो इतना अच्छा खाना बनाती हैं। घर में लोग उनके बनाए खाने की तारीफ करते नहीं थकते हैं तो क्या अम्मा की कला को यूट्यूब पर नहीं लाया जा सकता?” 

शशिकला को उनके बेटे ने जब यह आईडिया बताया तो पहले उन्हें काफी हिचक हुई। क्योंकि वह कैमरा के सामने सहज नहीं हो पाती है। ऐसे में, कैमरा के सामने बोलना और लोगों को बताना, बहुत ही मुश्किल काम था। उनकी हिचकिचाहट को समझते हुए चंदन ने तय किया कि वह सिर्फ रेसिपी बनाएं। वीडियोज में उनका चेहरा नहीं दिखाया जाएगा। उन्होंने अपने घर के अन्य सदस्यों से इस बारे में बात की और सबने सोचा कि एक बार ट्राई किया जाए। चैनल के नाम के बारे में चंदन बताते हैं, “एक दिन अम्मा ने मुझे खाने की थाली लगाकर दी और खाना खाते समय मुझे अचानक दिमाग में आया कि क्यों न चैनल का नाम ‘अम्मा की थाली’ रखा जाए।” 

उन्होंने आगे बताया कि 8 नवंबर 2017 को उन्होंने चैनल पर पहला वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो के लिए शशिकला ने बूंदी की खीर बनाई थी। हालांकि, उनके इस वीडियो को बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। शुरुआत में, चंदन और उनके भाई एमआई नोट 4 से वीडियो रिकॉर्ड करके एक पुराने लैपटॉप पर थोड़ा-बहुत एडिट किया करते थे। लगभग पांच-छह महीनों तक ऐसा ही चलता रहा। चंदन वीडियो रिकॉर्ड करते, उनके दूसरे भाई, सूरज एडिटिंग का काम देखते और सबसे छोटे भाई, पंकज अपनी अम्मा के साथ मिलकर रेसिपी तय करने में मदद करते। 

आम के अचार का वीडियो हुआ मशहूर

लगभग छह महीने तक उन्हें लोगों की खास प्रतिक्रिया नहीं मिली। चंदन को अपनी पढ़ाई भी करनी होती थी और इसलिए उन्होंने वीडियो बनाने का काम अपने छोटे भाई पंकज को सौंप दिया। इस बीच जब आम के अचार डालने का मौसम आया तो शशिकला ने तैयारी शुरू कर दी। शशिकला को तैयारी करते देख, पंकज ने वीडियो शूट करना शुरू कर दिया। लगभग 15 दिन लगाकर उन्होंने एक वीडियो तैयार किया। 

इस वीडियो के पोस्ट होते ही, ‘अम्मा की थाली’ चैनल के सब्सक्राइबर बढ़ने लगे। इस वीडियो पर उन्हें ढेर सारी प्रतिक्रिया मिली। इसके बाद, एक बार फिर भाइयों का हौसला बढ़ा। शशिकला कहती हैं, “वीडियो बनाने का काम मैं खुद से भी ज्यादा अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए कर रहती हूं। मेरे बच्चे इससे खुश हैं, यह मेरे लिए बड़ी बात है। मेरे बेटे अलग-अलग त्यौहार के हिसाब से व्यंजन की रेसिपी तैयार करने के लिए कहते हैं, जिसे मैं करती हूं। दरअसल मुझे अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है।” 

पिछले तीन-चार सालों में अम्मा की थाली चैनल से 15 लाख सब्सक्राइबर जुड़ चुके हैं। चंदन ने कहा, “जैसे-जैसे अम्मा के वीडियो मशहूर होने लगे तो कमेंट्स में लोग अम्मा का चेहरा दिखाने के लिए कहने लगे। लेकिन अम्मा को तो किसी अजनबी से बात करने में भी बहुत हिचकिचाहट होती है। ऐसे में, उन्हें कैमरा के सामने आने के लिए कहना बहुत मुश्किल था। लेकिन जब चैनल पर 10 लाख सब्सक्राइबर हुए तो हम भाइयों ने बहुत जिद करके अम्मा की एक तस्वीर खींची और लोगों को धन्यवाद कहते हुए पोस्ट की।”

विदेशों के लोग भी करते हैं फॉलो 

शशिकला कहती हैं कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि घर के बाहर उनकी एक पहचान होगी। लेकिन उनके बेटों की मेहनत ने इसे मुमकिन बना दिया। आज दूसरे कई देशों के लोग जैसे पाकिस्तान, दुबई, फिजी, यूएसए आदि से भी लोग उनकी रेसिपी संबंधी वीडियो देख रहे हैं। बहुत से लोग उन्हें सोशल मीडिया पर मैसेज भी करते हैं और खाने-पीने के बारे में उनसे सलाह लेते हैं। चंदन ने बताया कि यूट्यूब की तरफ से उन्हें सिल्वर प्ले बटन और गोल्ड प्ले बटन मिल चुका है। फेसबुक की तरफ से भी उन्हें कई उपहार मिले है। साथ ही, फिलहाल हर महीने वे 50 हजार रुपए तक की कमाई कर पाते हैं। 

शशिकला कहतीं हैं, “अब मुझे मेरे मायके में जानने वाले लोग भी फोन करके बधाई देते हैं और कहते हैं कि आप अच्छा कर रही हैं। कैसे आप इतना सब बना लेती हैं? यह सब सुनकर बहुत ख़ुशी होती है कि हमारा हुनर लोगों तक पहुंच रहा है। यह सब जो कुछ भी हुआ है, मेरे बेटों की वजह से हुआ है।” 

चंदन कहते हैं कि उन्होंने कुछ समय पहले से यूट्यूब शॉर्ट्स वीडियो की भी शुरुआत की है। यहां भी उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। बहुत से लोग उन्हें फेसबुक लाइव के लिए कहते हैं। लेकिन चंदन का कहना है कि जब तक उनकी अम्मा कैमरा के सामने आने के लिए सहज नहीं हो जाती तब तक वह इसी तरह के वीडियो बनाते रहेंगे। 

“हम लोग जो कुछ भी कर पा रहे हैं, वह अम्मा के हुनर के कारण है। हमारा उद्देश्य अपनी अम्मा के इस हुनर को और आगे लेकर जाने का है। अम्मा ने हमेशा अपने परिवार के लिए सबकुछ किया और अब हम चाहते हैं कि उनकी अपनी एक पहचान हो। आने वाले समय में हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम अम्मा को लाइव कुकिंग के लिए मना पाएं। फिलहाल, हम रसोई घर और एक स्टूडियो तैयार कर रहे हैं ताकि वीडियो की क्वालिटी बढ़ा सकें,” चंदन ने कहा। 

यदि आप ‘अम्मा की थाली’ चैनल के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो उनके इंस्टाग्राम या फेसबुक पेज पर जा सकते हैं।

संपादन- जी एन झा

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