डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद लोग अस्पतालों में नौकरी करते हैं या फिर अपना क्लिनिक खोलते हैं। लेकिन एक डॉक्टर कपल हैं, जो डॉक्टरी करने के बाद, एक छोटे से कस्बे हेमलकसा (महाराष्ट्र) में आकर बस गए।
और वह भी इसलिए, ताकि वह जानवरों के छोटे बच्चों का ख्याल रख सकें। सेवा करना तो डॉ. आमटे के खून में ही था, लेकिन जानवरों के लिए अनाथालय की शुरुआत एक घटना से हुई।
गांववालों ने आम्टे दंपति की बात मान ली और फिर पहले से मारे गए जानवरों के बच्चों को गोद लेकर डॉ. प्रकाश और डॉ. मंदाकिनी, अनाथ जानवरों के माता-पिता बन गए।