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7 सरकारी परीक्षाओं में रैंक पाने वाले पूर्व-आईईएस अफसर से जानें UPSC के टिप्स!

पने स्कूल और इंजीनियरिंग कॉलेज में अखंड स्वरुप पंडित एक साधारण छात्र हुआ करते थे। उस समय कोई भी नहीं कह सकता था कि यह लड़का सिर्फ यूपीएससी ही नहीं, बल्कि देश के कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं में रैंक हासिल कर सकता है।

यह कहानी है पूर्व- आईईएस अफसर, अखंड स्वरूप पंडित की, जिन्होंने साबित किया है कि दृढ़-संकल्प और कड़ी मेहनत के दम पर आप अपनी किस्मत खुद लिख सकते हैं!

उत्तर-प्रदेश के बरेली से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग के लिए गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। वह कहते हैं कि उन्हें उस समय में पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। उनका ध्यान ज़्यादातर स्पोर्ट्स और फिटनेस पर रहता था।

Akhand Swaroop Pandit

जैसे-जैसे वक़्त बीता, उन्होंने समझा कि ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई बहुत ज़रूरी है। उन्होंने यूपीएससी करने का फैसला किया और तैयारी के लिए उन्हें घर पर निर्भर न होना पड़े, इसलिए उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।

स्वरूप बताते हैं कि बच्चों को पढ़ाकर उन्हें जेब खर्च के लिए कुछ पैसे मिल जाते थे। साथ ही, उनकी अपनी तैयारी भी इससे पक्की होती गई क्योंकि किसी और को पढ़ाने से विषय के बारे में आपका ज्ञान बढ़ता है।

यूपीएससी पास करना और इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) ज्वाइन करना सिर्फ एक शुरूआत थी। इसके बाद उन्होंने और भी कई राष्ट्रीय स्तर की परिक्षाएं पास कीं:

आपने इतनी परीक्षाएं कैसे पास कीं? इस सवाल पर वह कहते हैं, “एक बार किसी प्रतिभागी ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है, तो फिर उसे दूसरी सभी परीक्षाएं आसान लगने लगती है। इसलिए, मैं भी आसानी से बाकी सभी परीक्षाएं पास कर पाया।”

यूपीएससी पास करने के कुछ टिप्स:

1. योजनाबद्ध तरीके से पढ़ें

स्वरूप कहते हैं कि किसी भी परीक्षा को पार करने का एक तरीका अच्छी प्लानिंग करना है। उन्होंने कहा, “मैं हर हफ्ते अच्छे से प्लानिंग करता था। हमें पता है कि सिलेबस बहुत बड़ा है, अगर आप नहीं लिखेंगे कि आप कब क्या पढ़ेंगे और क्या करेंगे, तो तैयारी करना बहुत मुश्किल हो जाता है।”

उन्होंने हर दिन अपने पढ़ने का समय 6 से 7 घंटे रखा हुआ था। इस समय में वह प्लान के मुताबिक उस दिन के लिए निश्चित किया हुआ सिलेबस ज़रूर खत्म करते थे।

2. बीच में ब्रेक लेना ज़रूरी

उन्होंने पूरे दिन में 6-7 घंटे अपनी पढ़ाई का वक़्त रखा हुआ था, लेकिन वह कभी भी लगातार नहीं पढ़ते थे। उन्होंने बताया, “मैं एक साथ ज्यादा से ज्यादा दो घंटे तक पढ़ता और उसके बाद एक ब्रेक लेता। मैंने स्लॉट्स में अपनी पढ़ाई की और इस तरह से दिन का जो भी टाइम-टेबल होता, वह आसानी से पूरा हो जाता था।”

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वह सुबह जल्दी उठते और दोपहर तक अपना दिन का रूटीन पूरा कर लेते थे। बचे हुए वक़्त को, वह नोट्स बनाने या रिवाइज करने के लिए उपयोग कर पाते थे।

3. पुराने प्रश्न-पत्रों का आंकलन करना

स्वरूप कहते हैं कि अक्सर यूपीएससी की तैयारी करते हुए प्रतिभागी यही गलती करते हैं कि वे पुराने प्रश्न पत्रों का आंकलन नहीं करते हैं।

उन्होंने सिलेबस और पुराने सालों के प्रश्न पत्रों का अच्छे से आंकलन किया। “अगर मैं इतिहास पढ़ता था तो फिर इसका एक भाग खत्म करने के बाद मैं पुराने प्रश्न देखता था और नोट करता था कि मैं कितना याद कर पा रहा हूँ।”

प्रश्न-पत्र देखते समय, प्रतिभागियों को यह भी ध्यान देना चाहिए कि किस स्तर के सवाल पूछे गए हैं। किन विषयों पर जोर दिया गया है, कौन-से प्रश्न बार-बार दोहराए गए हैं। “स्मार्ट पढ़ाई करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये आपके लिए सबसे ज्यादा मददगार साबित होता है,” उन्होंने कहा।

At a session.

4. ज़िंदगी को एक मकसद दें

स्वरूप के लिए ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना ही मकसद था। उनकी तरह, हर एक प्रतिभागी को अपना एक मकसद बनाना चाहिए।

“परीक्षा पास करने के लिए आपका एक मकसद होना चाहिए- कुछ भी हो पैसा कमाना या फिर एक पद हासिल करना। यह सिर्फ यूपीएससी के लिए ही नहीं बल्कि ज़िंदगी में कुछ भी हासिल करने में आपकी मदद करेगा,” उन्होंने कहा।

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स्वरूप बताते हैं कि बहुत बार प्रतिभागियों के पास बैक-अप के लिए प्लान-बी होता है। इससे उनके मन में एक सुरक्षा की भावना रहती है और बहुत बार इसी भावना के चलते वे अपना बेस्ट नहीं दे पाते। इसलिए दूसरे प्लान के बारे में सोचे बिना परीक्षा में अपना 100% देना चाहिए।

5. समय का सदुपयोग करें

एक ही टॉपिक पर पूरा महीना देने की बजाय स्वरूप ने टॉपिक्स और विषयों को इस तरह से बांटा कि वह हर दिन सभी विषयों पर ध्यान दे पाएं। “मैं एक दिन में तीन टॉपिक पढ़ता था और हर टॉपिक के लिए दो घंटे देता था। इससे मेरी पढ़ाई में काफी मदद हुई और फिर रिवाइज करने में भी,” उन्होंने कहा।

इतनी परीक्षाएं क्यों दीं?

इस सवाल पर स्वरूप हंसते हुए कहते हैं, “मैंने यूपीएससी पास कर लिया था और मैं एक और परीक्षा देकर ट्राई करना चाहता था। हर एक परीक्षा के साथ मैं खुद से यही कहता कि बस एक और। ऐसा करते-करते मैंने बहुत-सी परीक्षाएं दे दीं।”

स्वरूप को इससे जो आत्म-विश्वास मिला, उसी ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने का हौसला दिया।

आज, स्वरूप एक कोचिंग इंस्टिट्यूट, ‘कैटेलिस्ट’ चला रहे हैं। वह एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। अपना इंस्टिट्यूट शुरू करने के बारे में वह कहते हैं, “जब मैं इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था तो मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिए चीजें और आसान हो सकती थीं यदि सही मार्गदर्शन मिला होता। इस बात को अपने दिमाग में रखकर मैंने अपना इंस्टिट्यूट शुरू किया ताकि मैं दूसरे प्रतिभागियों को एक प्लेटफॉर्म दूँ।”

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स्वरूप की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है और उम्मीद है कि बहुत से प्रतिभागी उनसे प्रेरणा लेंगे।

संपादन- अर्चना गुप्ता

मूल लेख: विद्या राजा


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