गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant) एक ट्रोपिकल झाड़ी है। इसमें बड़े-बड़े रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। इन फूलों को इनके औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। गुड़हल के फूल आमतौर पर कई रंगों और वैरायटी के होते हैं। लेकिन भारत में लाल गुड़हल सबसे ज्यादा लोकप्रिय पौधा है। यह पौधा गर्म वातावरण में भी अच्छा विकसित होता है। वहीं ज्यादा ठंडी जगह में इसे लगाना मुश्किल हो जाता है।
एक बार लगने के बाद इस पौधे में बसंत से बरसात तक फूल आते रहते हैं। अगर आप बालों के झड़ने से परेशान हैं तो हिबिस्कस यानी गुड़हल का फूल आपके लिए किसी दवा से कम नहीं है। इन फूलों का इस्तेमाल भगवान की पूजा के साथ-साथ हेयर आयल और कई स्किन प्रोडक्ट्स बनाने में होता है। इस गुणकारी पौधे को आसानी से कटिंग के माध्यम से लगाया जा सकता है।
हरियाणा के नारनौल की रहनेवाली, जया भारद्वाज जो बॉटनी की प्रोफेसर होने के साथ-साथ बागवानी करने की भी शौक़ीन हैं। आज वह हमें गुड़हल के पौधे लगाने के बारे में बता रही हैं।
वह कहती हैं, “अच्छी सूरज की रौशनी और पानी की सही मात्रा का ध्यान रखकर आप इसे आराम से लगा सकते हैं। वहीं आयरन और मैग्नीशियम की खाद इन पौधों के विकास के लिए जरूरी होती है।”
इसकी काटिंग को सीधे मिट्टी में भी लगाया जा सकता है वहीं आप पानी में इसे प्रॉपगेट करके गमले में लगा सकते हैं।
किन चीजों की होगी जरूरत
- यह पौधा काफी बड़ा होता हैं इसलिए कम से कम 15 इंच के गमले में इसे लगाना सही होगा।
- हालांकि यह किसी भी मिट्टी में आराम से उगाया जा सकता है लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी सही ड्रेनेज वाली हो। आप सामान्य मिट्टी में रेत और गोबर की खाद मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार करें। पॉटिंग मिक्स के लिए 50% सामान्य मिट्टी, 50% रेत और गोबर खाद के मिश्रण के साथ थोड़ी नीम खली मिलाएं।
- केले के छिलके से बनी खाद इसके लिए बहुत अच्छी होती है।
कैसे लगाएं पौधा
गुड़हल के पौधा आमतौर पर किसी गार्डन में रहता ही है। आप किसी पौधे से कटिंग लाकर इसे लगा सकते हैं, वहीं यह पौधा नर्सरी में भी आराम से मिल जाता है। चलिए जाने कटिंग लाकर घर में इसे कैसे उगाते हैं।
- सबसे पहले एक प्रूनिंग कटर की मदद से आप 45 डिग्री एंगल से गुड़हल की 10 इंच की एक डाली की कटिंग करें।
- ज्यादा मोटी डाली को न काटे, वहीं बिल्कुल नई डाली से भी इसे नहीं लगाया नहीं जा सकता। आप ऐसे डाली लें जिसमे से फूल निकलते हो।
- कटी हुई डाली से पत्ते निकल लें।
- आप चाहे तो इसे सीधा ही गमले में लगाएं। लेकिन अगर आप पानी में इसे प्रॉपगेट कर रहे हैं तो किसी ग्लास में पानी भरकर इसे तेज धुप से बचाकर खिड़की के पास रखें।
- तक़रीबन 15 दिन में आप देखेंगे कि इसमें जड़ निकल जाएगी। आप हर दिन इसका पानी बदलते रहें ताकि डाली को सही ऑक्सीजन मिलती रहे।
- 15 से 20 इंच के गमले या ग्रो बेग में बीचों-बीच डाली को लगाएं। एक गमले में एक ही पौधा लगाएं।
- गमले में सीधा लगाने पर भी डाली से जड़ निकलने में तकरीबन 20 दिन लग जाते हैं। तब तक इसे तेज धुप से बचाकर रखें। और हर दिन थोड़ा-थोड़ा पानी देते रहें।
- 16 से 32 डिग्री का तापमान इसके लिए सबसे अच्छा होता है।
- आप देखेंगे कि एक दो महीने के अंदर इसमें कई पत्तियां निकल जाएंगी।
- आप फरवरी या मार्च में इसे लगाते हैं तो जुलाई-अगस्त में इसमें अच्छे फूल खिलने लगेंगे।
फूल निकलने के समय इसमें केले के छिलकों से बनी खाद दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पौधे में खाद डालते समय इसे अच्छी सूरज की रौशनी भी मिले। बारिश के समय आप केले के छिलकों की खाद न डालें।
जया कहती हैं कि गुड़हल की किसी भी वैराइटी को इस तकनीक के साथ लगाया जा सकता है। अगर आपकी बालकनी में अच्छी धुप आती हो इसे आराम से उगाया जा सकता है। बड़े फूलों वाला यह पौधा आपके गार्डन की शोभा में चार चाँद लगा देगा। तो देर किस बात की आप भी सजाएं अपना गार्डन गुड़हल के फूलों से।
हैप्पी गार्डनिंग
संपादनः अर्चना दुबे
यह भी पढ़ेंः बाजार से बीज लाने की जरूरत नहीं, अब घर पर ही उगाएं शकरकंद
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।