रसीले और मीठे खरबूजे किसे पसंद नहीं होते हैं? स्वादिष्ट होने के साथ-साथ, यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है। क्योंकि इसमें पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। साथ ही, इसमें विटामिन और मिनरल भी होते हैं, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं। इसलिए अगर आप इसे अपने डाइट में शामिल करें, तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आपके पास थोड़ी भी खुली जगह हो जहां अच्छी धूप आती है, तो आप खुद भी खरबूजे उगा सकते हैं?
जी हां, घर की छत, बालकनी या खुले आंगन में खरबूजे उगाए जा सकते हैं। बस जिस जगह आप बागवानी कर रहे हैं, वहां धूप अच्छी आती हो। विशाखापट्टनम की रहने वाली माधवी गुत्तिकोंडा एक गृहिणी, टेरेस गार्डनर और यूट्यूबर हैं। पिछले 10 वर्षों से गार्डनिंग कर रहीं माधवी, रसोई के लिए लगभग सभी सब्जियां अपने गार्डन में उगा लेती हैं। इसके अलावा, वह कई तरह के फल भी अपनी छत पर उगा रही हैं, जिनमें खरबूजा भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि हम बाजार से जो खरबूजा लाते हैं, उसी के बीजों से घर में खरबूजे के पौधे लगा सकते हैं। वैसे भी बहुत से लोग खरबूजे के बीजों को सुखाकर स्टोर करते हैं। क्योंकि इसके बीज भी स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। तो अगली बार आप जब खरबूजा लाएं, तो इसके कुछ बीजों को खरबूजे उगाने के लिए इस्तेमाल करें। माधवी कहती हैं कि अगर सही तरह से देखभाल की जाए, तो इसे लगाना बहुत ही आसान है।
कैसे लगाएं?
सबसे पहले बाजार से लाए खरबूजे के बीजों को आप इकट्ठा कर लें। खरबूजे से जब बीज निकलते हैं, तो इनमें काफी रस होता है। इसलिए आप इन्हें चलनी में डालकर छानें। इसके बाद, बीजों को अपनी रसोई में ही खिड़की के पास रख दें। कुछ दिनों में ये बीज एकदम सूख जाएंगे और तब आप इन्हें बो सकते हैं। अगर आपके पास घर पर बीज नहीं हैं, तो आप बाजार से भी खरबूजे के बीज खरीदकर ला सकते हैं। इन्हें लगाने से पहले, आप चाहें तो बीजों को फंजीसाइड से ट्रीट कर सकते हैं ताकि इनमें फंगस न लगे।

- अब आप कोई भी मध्यम आकार का ऐसा गमला या कंटेनर लें, जिसके तले में छेद हो।
- मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट, रेत, सूखे पत्ते, नीमखली और कोकोपीट आदि मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार कर लें।
- पॉटिंग मिक्स गमले में भरें और समान दूरी पर कुछ खरबूजे के बीज लगा दें।
- स्प्रे करके पानी दें।
- लगभग एक हफ्ते में बीज अंकुरित होकर बढ़ने लगते हैं।

15-20 दिन में आपके पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप इन्हें दूसरे बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। पौधों को ट्रांसप्लांट करने के लिए आप 12 से 16 इंच के गमले ले सकते हैं या फिर घर पर रखी किसी पुरानी बड़ी बाल्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान दें कि इस कंटेनर में ड्रेनेज सिस्टम अच्छा हो।
इन बातों का रखें ध्यानः
- इन बड़े गमलों में पॉटिंग मिक्स भरें और एक गमले में समान दूरी पर दो-दो पौधे ही लगाएं। क्योंकि बेल की जड़ों को विकसित होने के लिए स्पेस की जरूरत होती है।
- पौधों को ट्रांसप्लांट करने के बाद नियमित रूप से पानी देते रहें।
- लगभग एक महीने में ही बेल काफी बड़ी होने लगती हैं। ऐसे में आपको कोई रस्सी या तार बांधकर, इन्हें सहारा देने का इंतजाम करना चाहिए।
- एक महीने बाद आप पौधों पर जैविक कीट प्रतिरोधक का छिड़काव कर सकते हैं।
- महीने में दो-तीन बार आप यह स्प्रे कर सकते हैं और पानी के साथ पोषक खाद भी पौधों को दे सकते हैं।
- लगभग 40 दिन बाद बेल पर नर और मादा फूल आने लगते हैं।
- आपको ध्यान देना होगा कि फूलों का पॉलीनेशन अच्छे से हो।
माधवी कहती हैं कि जैविक कीट प्रतिरोधक के लिए आप नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं। वहीं, तरल खाद के लिए आप नीमखली या सरसों की खली का घोल बनाकर पौधों को दे सकते हैं। लगभग दो-ढाई महीनों में बेल पर खरबूजे हार्वेस्टिंग के लिए तैयार होने लगते हैं।
इसलिए अगली बार जब भी घर पर खरबूजे आएं, तो इसके बीजों को फेंकने की बजाय स्टोर करके रखें। ताकि आप अपने बगीचे में खरबूजे लगा सकें।
हैप्पी गार्डनिंग!
संपादन- जी एन झा
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