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इन कीटों से अक्सर होता है आपके पौधों को नुकसान, जानिए इन्हें भगाने के घरेलू नुस्खे

कुछ दिन पहले गली में पौधेवाले भैया से पौधे खरीदते समय एक पड़ोसी ने बताया कि उनके घर में गुड़हल का पेड़ रह ही नहीं पाता है। उन्होंने कई बार गुड़हल का पौधा अपने घर में लगाने की कोशिश की है, लेकिन पौधा लगाने के कुछ दिनों बाद ही सूख जाता है। कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि ज्यादा तो कुछ नहीं पर हर बार पौधे के तने और पत्तों पर कुछ सफेद-सफेद सा लगने लगता है, जिसके बाद पौधा मर जाता है। इसलिए अब वह अपने घर में गुड़हल का पौधा नहीं लगाना चाहती हैं। 

उनकी बात मेरे मन में रह गयी और एक गार्डनिंग एक्सपर्ट, ब्रह्मदेव कुमार से बात करते हुए मैंने उनसे पूछा कि पौधों में लगने वाली आम बीमारी क्या हैं? उन्होंने तुरंत बताया कि पौधों में ‘मीले बग’ (Melay Bugs) लगना बहुत आम बात है और यह सफेद रंग के होते हैं। अगर आप होम गार्डनिंग करते हैं और अपने पौधों को नियमित रूप से चेक करते हैं तो कई बार बहुत से पौधों के तनों या पत्तों के पीछे आपको सफेद रंग का पाउडर सा चिपका हुआ दिखता है।

मीले बग के अलावा, एफिड्स, वाइटफ्लाइज, स्पाइडर माइट्स, और स्केल्स जैसे कीट बहुत ही कॉमन हैं।

Melay Bugs (Left) and Aphids (Right)- Source

ये कीट पौधों से उनका रस चूसते हैं और धीरे-धीरे पौधे को बीमार कर देते हैं। इसके बाद अगर आप समय रहते हुए पौधे को कीट प्रतिरोधक न दें तो आपका पौधा मर जाता है। इसलिए जरुरी है कि हम हमेशा अपने पौधों को चेक करते रहें। हालांकि, पौधों में कीट लगे होने का एक बड़ा संकेत यह भी होता है कि आपके गमलों और पौधों पर चींटियां या बड़े काले कीड़े दिखने लगें। क्योंकि अक्सर चीटियां या कीड़े उसी पौधे पर आते हैं, जिनपर ये कीट लगे होते हैं। इसलिए अगर आपको अपने किसी गमले में चींटी या कीड़े दिखे तो आपको तुरंत पौधे को अच्छी तरह से चेक करना चाहिए।

अब यह तो पता चल गया कि कौनसे कीट पौधों में सामान्य तौर पर लगते हैं। लेकिन इनके लगने का कारण और इन्हें हटाने का उपाय क्या है? उन्होंने बताया कि कीट लगने के बहुत से कारण हो सकते हैं। जैसे कई बार मिट्टी सही नहीं होती है तो भी पौधे में बीमारियां लग जाती हैं। कई बार हमें अंदाजा नहीं होता है कि पौधे को कितना पानी चाहिए तो हम जरूरत से ज्यादा पानी पौधे को देते रहते हैं। जिस कारण बहुत ज्यादा नमी होती है और हम जानते हैं कि नमी वाली जगहों पर फंगस कितनी जल्दी अपनी जगह बना लेती है। 

हालांकि, कारण के साथ-साथ जरूरी है समाधान। ब्रह्मदेव कहते हैं कि बहुत से लोग कीटों को देखते ही बाजार से रसायनयुक्त कीटनाशक लाकर पौधों पर छिड़क देते हैं। इससे कीट तो चले जाते हैं लेकिन यह रसायन हमारे पौधों को नुकसान पहुंचाता है और अगर फल-सब्जियों के पौधों को दिया जाए तो हमारे लिए भी हानिकारक है। इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि हड़बड़ी न करते हुए, आप ठंडे दिमाग से सोचें और जैविक विकल्प तलाशें। एक विकल्प है कि आप बाजार से जैविक कीट प्रतिरोधक खरीदें। आप ऑनलाइन भी यह देख सकते हैं। 

दूसरा विकल्प है कि आप घरेलू चीजों का इस्तेमाल करते हुए खुद ही कीट प्रतिरोधक बनाएं। यह सच है कि अच्छे नतीजों के लिए रासायनिक कीटनाशक के मुक़ाबले, जैविक कीट प्रतिरोधक को आपको कई बार पौधों पर छिड़कना होगा। लेकिन यह लम्बे समय तक पौधों के लिए फायदेमंद है। साथ ही, हमारे स्वास्थ्य के लिए भी। 

ऐसे घर पर बनाएं जैविक कीट प्रतिरोधक

Rep Image (Source)

ब्रह्मदेव कहते हैं कि सामान्य तौर पर पौधों के लिए नीम का तेल जैविक कीटप्रतिरोधक के रूप में अच्छा रहता है। आप नीम के तेल की कुछ बूंदे पानी में मिलाकर पौधों पर अच्छे से स्प्रे करते रहिये। इससे आपके पौधे कीटों से बचे रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे। यह ध्यान हमेशा रखें कि नीम का तेल एकदम शुद्ध हो। आजकल बाजार में काफी मिलावट भी हो रही है, क्योंकि नीम का तेल थोड़ा महंगा होता है। इसलिए कई बार लोग इसे खरीदने में कतराते हैं। लेकिन अगर आप नीम का तेल नहीं ले सकते हैं तो भी घर पर अच्छा कीटप्रतिरोधक बना सकते हैं। 

क्या-क्या चाहिए

ऐसे बनाएं:

इसे आप सप्ताह में दो बार अपने पौधों पर स्प्रे कर सकते हैं। 

जरूरी बात: 

कीट प्रतिरोधक हमेशा शाम या रात के समय ही पौधों पर स्प्रे करने चाहिए और दूसरे दिन, सुबह के समय पौधों पर सामान्य पानी से छिड़काव करना चाहिए। क्योंकि कई बार धूप में कीट प्रतिरोधक का छिड़काव करना पौधों के लिए नुक्सान दायक हो सकता है। आप यह वीडियो देख सकते हैं।

इसके अलावा अगर आपके पौधों पर कीट बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं हुए हैं तो आप सिर्फ ‘सोप वाटर’ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए, आप एक लीटर पानी में एक चम्मच लिक्विड डिशवॉश या शैम्पू मिला लें। इस मिश्रण को पौधों पर स्प्रे करें। इसके अलावा अगर आपके पास पानी देने के लिए जेट स्प्रेयर है तो आप सभी पौधों पर पानी से जेट स्प्रे करके भी कीटों को हटा सकते हैं। लेकिन यह तरीका तभी प्रभावी होता है, जब कीटों के लगने की सिर्फ शुरुआत हुई हो। बहुत से लोग नियमित रूप से 3G मिश्रण का इस्तेमाल भी करते हैं। 

3G मिश्रण (जीजीजी)

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इसका मतलब है Garlic, Ginger और Green Chili, मतलब कि लहसुन, अदरक और हरी मिर्च। आप इन तीनों चीजों का पेस्ट बना लीजिए और इस पेस्ट को पानी में मिलाकर मिश्रण बनाएं। कुछ घंटे तक इस मिश्रण को ढककर रखें और फिर छानकर स्प्रेयर बोतल में भर लें। बहुत से लोग बिना कोई कीट लगे भी हफ्ते या 10 दिन में एक बार अपने पौधों पर यह मिश्रण स्प्रे करते हैं ताकि कीट पौधों से दूर रहें। 

अन्य टिप्स 

तो देर किस बात की, आज ही चेक कीजिए अपने सभी पौधों को कि कोई कीट उन्हें परेशान तो नहीं कर रहा है। 

संपादन- जी एन झा

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